समुद्र में भारतीय नौसेना की शक्ति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। आज (29 अगस्त) को INS Arighat, भारतीय नौसेना की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी, औपचारिक रूप से बेड़े में शामिल हो गई है। इस अत्याधुनिक पनडुब्बी को विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है।
INS Arighat को के-4 जैसी घातक मिसाइलों से लैस किया गया है, जो 3 हजार किलोमीटर तक सटीक वार करने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, यह पनडुब्बी के-15 मिसाइलों से भी सुसज्जित होगी, जिससे उसकी सामरिक ताकत और भी बढ़ जाएगी।
भारत की पहली न्यूक्लियर पनडुब्बी INS Arihant के बाद अब INS Arighat, नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई है। INS Arighat, अपने उन्नत तकनीक और खतरनाक हथियारों के साथ INS Arihant से भी ज्यादा प्रभावशाली है। इसके अलावा, भारतीय नौसेना दो और न्यूक्लियर पनडुब्बियों पर काम कर रही है, जो 2035-36 तक तैयार होंगी। यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
INS Arighat, भारतीय नौसेना की नवीनतम न्यूक्लियर पनडुब्बी, विशाखापट्टनम में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल (ATV) प्रोजेक्ट के तहत तैयार की गई है। यह पनडुब्बी सामान्य पनडुब्बियों की तुलना में कहीं तेज और अधिक सक्षम है। INS Arighat महीनों तक पानी के नीचे रह सकती है और सतह पर 28 किमी/घंटा तक की रफ्तार पकड़ सकती है। समुद्र की गहराई में यह 44 किमी/घंटा की गति से चल सकती है। पनडुब्बी में आठ लॉन्च ट्यूब हैं और इसका वजन 6,000 टन है। अत्याधुनिक सोनार, मिसाइल संचार प्रणाली और विकिरण रोधी सुरक्षा के साथ, INS Arighat भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।
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