गाजियाबाद:- भ्रष्टाचार के कथित आरोपों का सामना कर रहे ईडी अधिकारी आलोक रंजन का शव गौशाला फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर मिला। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आलोक रंजन ने रेलवे ट्रैक पर अपना सिर रखकर आत्महत्या की। जीआरपी की जांच में पता चला कि परिजनों ने शुरू में केवल अधिकारी का नाम ही बताया और उनके ईडी में होने की जानकारी नहीं दी।
18 अगस्त को रेलवे ट्रैक पर एक शव मिलने की सूचना पर जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान, अधिकारी के जेब से एक ड्राइविंग लाइसेंस और एक पर्ची मिली, जिसमें आलोक रंजन का नाम और राजनगर की एसजी ग्रांड सोसायटी का पता लिखा था। इसी आधार पर परिजनों को सूचित किया गया, जिन्होंने पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचकर शव की पहचान की। बाद में पता चला कि आलोक रंजन ईडी में अधिकारी थे। आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।
गुमशुदगी दर्ज कराने गया बेटा: पिता की आत्महत्या की खबर से हुआ सन्नाटा
परिजनों ने बताया कि आलोक सुबह घर से बिना बताए लापता हो गए थे और उनका फोन भी बंद था। उनकी गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए उनका बेटा नंदग्राम थाने गया, लेकिन इसी बीच उसे पिता के शव की सूचना मिली, जिससे वह शोकग्रस्त हो गया। हाल ही में ईडी ने मुंबई के एक आभूषण कारोबारी के घर छापा मारा था, जिसकी अगुआई ईडी के सहायक निदेशक संदीप सिंह ने की थी। आरोप है कि संदीप सिंह ने कारोबारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जिसके बाद सीबीआई ने उसे रंगे हाथ पकड़ा। संदीप सिंह ने सीबीआई के सामने आलोक रंजन का नाम लिया था, जिससे रंजन के तनाव में होने की बात सामने आई है।
आलोक रंजन राजनगर एक्सटेंशन की एसजी ग्रांड सोसायटी में पिछले पांच साल से रह रहे थे। सोसायटी के निवासियों का कहना है कि वह कम ही बात करते थे और सामाजिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा नहीं लेते थे। इस घटना के बाद, उनके सामाजिक व्यवहार को लेकर नए सवाल उठ रहे हैं।
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