HC ने रिहा किया पॉक्सो मामले के आरोपी को, कहा- लड़की के परिजनों के कारण युवाओं को जेल की सजा भुगतनी पड़ती है
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपी किशोर को जमानत दे दी। आरोपी किशोर को लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में पॉक्सो कानून के तहत कैद में था। कोर्ट ने कहा कि अक्सर लड़के और लड़की के रिश्ते को लेकर लड़की के परिवार को आपत्ति होती है । फ़िर वो केस दर्ज कर देते हैं और लड़के को जेल में जीवन बिताना पड़ता है।
दिल्ली हाईकोर्ट:- बुधवार को कोर्ट ने आरोपी किशोर को रिहा कर दिया, उस पर लड़की से दुष्कर्म और पॉक्सो के तहत ममले दर्ज किये थे। नाबालिग लड़की और आरोपी किशोर के बीच प्रेम संबंध थे। कोर्ट ने बताया कि परिवारों की आपत्तियों के कारण रिश्तों पर कई मामलों की शिकायत दर्ज की गई। इसके कारण कई युवाओं को जेल की सजा भोगनी पड़ी है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने सुनवाई के दौरान कहा कि उस समय पीड़िता की उम्र लगभग 17 वर्ष थी, जबकि आरोपी की उम्र लगभग 21 वर्ष थी। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कों के बीच स्वीकृत यौन संबंध स्थापित किए जाते हैं।
20 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति कानूनी दृष्टि से एक अस्पष्ट क्षेत्र में आता है, क्योंकि एक नाबालिग लड़की द्वारा दी गई सहमति कानून के अनुसार वैध नहीं मानी जाती है। यह कहते हुए कि याचिकाकर्ता के भविष्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, न्यायाधीश ने उल्लेख किया कि अगर उसे जेल में रखा गया, तो उसकी बाहर निकलने की संभावना एक गंभीर अपराधी के रूप में होने की आशंका बढ़ जाती है।
लड़की की मां ने अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई, जो बाद में याचिकाकर्ता के साथ थी। भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत अपहरण, गंभीर यौन हमले और दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज की गई। अभियोजक ने पहले कहा कि लड़की ने स्वेच्छा से याचिकाकर्ता के साथ भागकर शादी की और गर्भवती है, लेकिन बाद में उसने अपना बयान बदल दिया।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि यह मामला एक प्रेम प्रसंग का प्रतीत होता है। अदालत इस समय केवल यह देख रही है कि जेल में तीन साल से बंद युवा को जमानत मिलनी चाहिए या नहीं, खासकर जब पीड़िता ने अपने बयान में बदलाव किया है। अदालत ने यह भी नोट किया कि पॉक्सो मामलों में अक्सर लड़की के परिवार के आदेश पर एफआईआर दर्ज की जाती हैं, जिससे युवाओं को अनावश्यक रूप से जेल भेजा जाता है। न्यायाधीश ने कहा कि लड़की ने पहले भी घर से भागने की कोशिश की थी और उसकी मां को इस रिश्ते के बारे में जानकारी थी।
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