दो साल में बनेगा देश का पहला मल्टीलेवल इलेक्ट्रिक बस डिपो,जानिए इसके विशेष पहलू

डिपो में 434 बसें, 230 कारें और 200 बाइक एक साथ पार्क की जा सकेंगी। 5 एकड़ में फैले और 7.6 लाख वर्ग फुट के निर्माण क्षेत्र वाले इस ई-बस डिपो में बेसमेंट के अलावा छह पार्किंग लेवल होंगे। यहां सौर पैनल और ईवी चार्जिंग स्टेशन भी लगाए जाएंगे।

दिल्ली:- सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वसंत विहार में देश का सबसे बड़ा मल्टी-लेवल इलेक्ट्रिक बस डिपो स्थापित किया जाएगा। मंगलवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और एलजी ने मिलकर ई-बस डिपो का भूमि पूजन किया।
डिपो में 434 बसें, 230 कारें और 200 बाइक एक साथ पार्क की जा सकेंगी। 5 एकड़ में फैले और 7.6 लाख वर्ग फुट के निर्माण क्षेत्र वाले इस ई-बस डिपो में बेसमेंट के साथ छह पार्किंग स्तर होंगे और इसकी ऊचाई 35 मीटर होगी। यहां सौर पैनल और ईवी चार्जिंग स्टेशन भी लगाए जाएंगे। यह परियोजना दो साल में पूरी होगी और इसका निर्माण नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) द्वारा किया जाएगा।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि वसंत विहार का मल्टी-लेवल इलेक्ट्रिक बस डिपो सिर्फ एक ट्रांसपोर्टेशन हब नहीं होगा, बल्कि दिल्ली सरकार की उन्नत अर्बन मोबिलिटी दृष्टि का प्रतीक होगा। यह डिपो ग्रीन टेक्नोलॉजी, ऊर्जा-कुशल प्रणालियों और सौर पैनलों से सुसज्जित होगा, और भविष्य के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए एक आदर्श उदाहरण बनेगा।
तीन गुना बढ़ेगी डिपो की क्षमता
इस बहु-स्तरीय इलेक्ट्रिक बस पार्किंग डिपो के निर्माण से इसकी क्षमता 3.5 गुना बढ़ जाएगी। वर्तमान में यहां 125 बसें पार्क की जाती हैं, लेकिन इस अत्याधुनिक डिपो के तैयार होने के बाद यहां 434 इलेक्ट्रिक बसें पार्क की जा सकेंगी। इसके अतिरिक्त, 230 कारें और 200 बाइक भी यहां पार्क की जा सकेंगी। 35 मीटर ऊंचे इस मल्टीलेवल डिपो का कुल निर्मित क्षेत्र 7.6 लाख वर्ग फीट होगा।
पर्यावरण का विशेष ध्यान
इस डिपो में पर्यावरण की चिंता को प्रमुखता दी गई है। छत पर 122 केवी का सौर पैनल स्थापित किया जाएगा, जो बसों को छाया प्रदान करने के साथ-साथ 600 किलोवॉट सौर ऊर्जा भी उत्पन्न करेगा। इसके अलावा, यहां बसों और सार्वजनिक वाहनों के लिए 85 चार्जिंग प्वाइंट भी लगाए जाएंगे।
निर्माण में पाइलिंग फाउंडेशन तकनीक का उपयोग
यह डिपो कार्यक्षमता और आधुनिक डिजाइन का संयोजन होगा। दिल्ली मेट्रो की टनल के नीचे होने के कारण, कंपन को कम करने के लिए राफ्ट पाइलिंग की बजाय पाइलिंग फाउंडेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। बाहरी हिस्से में सभी स्तरों तक सुगम पहुंच के लिए परिधि के साथ सावधानीपूर्वक नियोजित रैंप की सुविधा भी होगी।
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