उत्तराखंड में भूस्खलन व हिमाचल में बादल फटने से विनाश, हरियाणा और राजस्थान में स्थिति गंभीर; IMD ने जारी किया चेतावनी

Weather Update: भारी बारिश के चलते पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में भारी तबाही हो गई है। उत्तराखंड में कई स्थानों पर हुए भूस्खलनों ने सैकड़ों रास्तों को बाधित कर दिया और दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। वहीं, हिमाचल में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। राजस्थान और हरियाणा में भी लगातार बारिश ने संकट उत्पन्न कर दिया है।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण समस्याओं का सिलसिला जारी है। हिमाचल के शिमला में बादल फटने से 800 सेब के पौधे बह गए, और गोदाम में रखी 200 सेब की पेटियां भी पानी के साथ बह गईं। इसके अतिरिक्त, कांगड़ा जिले में रानीताल के पास निर्माणाधीन मटौर-शिमला फोरलेन का लगभग 100 मीटर हिस्सा ढह गया।
फोरलेन का मलबा नीचे पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन पर गिरने से रेललाइन को भी क्षति पहुंची है। मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के आठ जिलों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की संभावना जताई है। मंडी के नौ मील में कीरतपुर-मनाली फोरलेन और सिरमौर में पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण बंद रहे। प्रदेश में 137 सड़कें बाधित हैं। बाथू में दो बच्चे बह गए, जिनमें से एक बच्ची का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि दूसरे की खोज जारी है। इसके अतिरिक्त, 24 ट्रांसफार्मर प्रभावित होने से बिजली की आपूर्ति में समस्या बनी हुई है।
केदारघाटी के भीमबली में भारी भूस्खलन
उत्तराखंड में केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली के पास भारी भूस्खलन के कारण मंदाकिनी नदी पर एक झील बन गई है, जिससे नदी का प्रवाह ठप हो गया है। झील के टूटने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और गौरीकुंड से लेकर रुद्रप्रयाग तक लोगों को सचेत किया है। इसी तरह, चमोली में शनिवार रात बादल फटने से दो आवासीय भवन और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई है।
टिहरी में अंथवाल गांव के ऊपर करीब 40 मीटर लंबी दरारें आ गई हैं। गांव के कुछ भवनों में भी दरारें देखी गई हैं। भूस्खलन के खतरे को ध्यान में रखते हुए आठ परिवारों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। प्रदेश में 209 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं, जिसके कारण दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है। चारधाम यात्रा मार्ग भी लगातार बाधित हो रहे हैं।
हरियाणा के 15 गांवों में पानी घुसा
हिमाचल के सिरमौर में बादल फटने और पहाड़ों से आए वर्षा के पानी के कारण हरियाणा के कई गांवों में पानी घुस गया। खेत भी डूब गए। वहीं, एक किसान की भी मौत हो गई है। पुलिस ने बचाव अभियान शुरूकर दिया है। प्रशासन की मदद नहीं मिलने से लोग नाराज हैं। सोम नदी का तटबंध टूटने से आसपास के गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वहीं, पंजाब में भी कुछ ही घंटे में नौ जिले वर्षा के जल से लबालब हो गए। भारी वर्षा के कारण से पठानकोट में उज्ज दरिया एक बार फिर उफान पर आ गया है। इसके चलते पुलिस ने दरिया किनारे रहने वाले परिवारों को पीछे हटने के लिए आदेश जारी किए।
राजस्थान में वर्षा के कारण बिगड़े हालात
राजस्थान में शनिवार से हो रही तेज वर्षा के कारण प्रदेश के कई जिलों में हालात बिगड़ने लगे हैं। वहीं, वर्षा के चलते हुए हादसों में रविवार को नौ लोगों की मौत हो गई। वहीं चार युवक नदी के बहाव में बह गए, जिन्हें तलाशने का प्रयास किया जा रहा है। बारिश से कई मार्ग अवरूद्ध हो गए। वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है।
प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला कलेक्टरों को राहत व बचाव कार्यों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। भरतपुर में बाणगंगा नदी में नहाने गए सात युवकों की डूबने से मौत हो गई, जिनमें तीन चचेरे भाई हैं। बाढ़ के हालात को देखते हुए स्कूलों में सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया। सवाई माधोपुर जिले में कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है। 20 गांवों का जिल मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
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