गाजियाबाद। दुकानों का किराया बढ़ाए जाने से व्यापारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को दर्जनों व्यापारियों ने दुकानें बंद करके जुलूस निकालते हुए नारेबाजी की। वहीं नगर निगम के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया। व्यापारियों की मांग है कि किराया बढ़ाने का फैसला नगर निगम वापस ले। हालांकि फिलहाल निगम की ओर से किसी तरह के कोई संकेत मिलते नहीं दिख रहे हैं।
दरअसल, 1702 दुकानों का किराया बढ़ाया गया है और व्यापारी इसके खिलाफ हैं। शुक्रवार को व्यापारियों ने दुकानें बंद कीं और सड़क पर उतर आए। वे जुलूस निकालते हुए नगर निगम मुख्यालय पर पहुंचे। वहां नगर निगम के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। धरनास्थल पर ही व्यापारियों ने खाना मंगाकर खाया। उन्होंने किराया बढ़ाने के फैसले को वापस लेने की मांग की। 9 जनवरी को नगर निगम की बोर्ड बैठक हुई। इसमें 1702 दुकानों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ। बोर्ड का कहना था कि ये व्यापारी नाममात्र का किराया दे रहे हैं और व्यापार मोटा कर रहे हैं। नई दर में किराया 4 से 18 हजार रुपए तक तय हुआ है। तभी से व्यापारी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
ये है व्यापारियों का तर्क
व्यापारियों का कहना था कि साल-1997 में किराया रिवाइज हुआ था। प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल पर 12 प्रतिशत किराया बढ़ाकर या मौजूदा किराये को दोगुना करने पर सहमति बनाई जा सकती है। परंतु अब जो किराया तय हुआ है, वो बहुत ज्यादा है। पिछले दिनों इस विरोध को देखते हुए नगर निगम और व्यापारियों की एक ज्वाइंट कमेटी बनाई, जो इस मसले का हल निकाल सके, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
Discussion about this post