सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सर्राफा कारोबारी के कर्मचारियों से जिला सहारनपुर के नागल में तीन करोड़ की लूट की वारदात फर्जी निकली है। देर रात पुलिस ने इस पूरे मामले का वर्कआउट करते हुए पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक सुनयोजित ढंग से लूट का ड्रामा रचा गया था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लूटी गई ज्वैलरी बरामद कर ली है।
एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने बताया कि गुरुवार यानी 4 जून की देर रात को मेरठ के सराफा कारोबारी के स्टाफ से 3.50 करोड़ रुपए की घटना सामने आई थी। सराफा कारोबारी का स्टाफ सत्यम शर्मा और ड्राइवर तरुण सैनी अंबाला से ज्वैलरी लेकर लौट रहे थे।
बताया गया था कि दोनों को नागल में बाइक सवार कुछ अज्ञात युवकों ने उनसे लूट की है। लेकिन इस लूट के मास्टरमाइंड सत्यम शर्मा और ड्राइवर तरुण सैनी निकले। सत्यम शर्मा ने अपने साले डम्पी उर्फ हिमांशु के साथियों के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी। इसके ड्राइवर भी शामिल था। पुलिस ने 5 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है और लूट का सामान भी बरामद कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी सत्यम शर्मा और ड्राइवर तरुण सैनी से पुलिस ने जब पूछताछ की तो दोनों के बयान पर शक हुआ। पुलिस ने शक्ति से पूछताछ की तो उन्होंने सब कबूल कर लिया। उन्होंने कबूला कि वो 3.50 करोड़ की ज्वैलरी की लूट की घटना दिखाकर हड़पना चाहते थे। इसलिए सत्यम शर्मा ने अपने साले और उसके दो साथियों के साथ लूट की घटना दिखाई।
ऐसे हुआ घटनाक्रम
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल के बेटे प्रियंक अग्रवाल जिनका अटायर डायमंड के नाम से कारोबार है। पुलिस को सराफ कारोबारी के स्टाफ ने बताया कि चार लुटेरे थे। गुरुवार की रात 11.30 बजे गन प्वाइंट पर बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। वह दो बाइक पर सवार थे। एक बाइक काले रंग पल्सर और दूसरी सफेद रंग की अपाचे बताई जा रही है। लुटेरे आए और कार के शीशे तोड़कर कार सवार दोनों स्टाफ को गन पॉइंट पर ले लिया। मारपीट कर लहूलुहान कर दिया है, उसके बाद लूट को अंजाम देकर वह फरार हो गए। लेकिन पुलिस ने जब जांच की तो मामला कुछ ओर ही निकला।
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