नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी को 18वीं लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष चुना गया है।2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद से पिछले करीब 10 साल से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा है। कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर भतृहरि महताब को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया है। राहुल गांधी अपने 20 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार संवैधानिक पद संभालेंगे। राहुल इस पद पर रहने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे। इससे पहले उनके पिता और पूर्व पीएम राजीव गांधी 1989-90 और मां सोनिया 1999 से 2004 तक इस पद पर रह चुकी हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि हर कांग्रेस के सांसद और नेताओं की यही इच्छा थी भाजपा की तानाशाही के खिलाफ, कदम-कदम पर उनके(भाजपा) द्वारा लोकतंत्र की मान्यताओं की हत्या करने के खिलाफ एक ऐसी आवाज गूंजेगी जो पूरा देश सुनेगा। अब भारत की जनता ये विश्वासपूर्ण कह सकती है कि लोकतंत्र में हमारा संविधान बना रहेगा। पार्टी सांसद इमरान मसूद ने कहा कि पहले दिन से ही मेरी इच्छा थी कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता बनें। वे विपक्ष की सबसे मजबूत आवाज हैं। अब विपक्ष के नेता के तौर पर वे संसद में युवाओं, महिलाओं और किसानों की आवाज बनेंगे।
राहुल पर सभी को भरोसा
उधर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किए जाने पर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि यह देश की आवाज थी कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। मेरा मानना है कि एक मजबूत आवाज, सच बोलने वाली आवाज, बिना किसी राग द्वेष और भय वाला चेहरा विपक्ष को चाहिए था। इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। पिछली बार अधीर दादा थे जिन्हें भाषाई कठिनता थी। राहुल गांधी अंतर्राष्ट्रीय चेहरा हैं जिस पर विपक्ष भरोसा करता है।
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