गाजियाबाद। नाबालिग लड़की को बहलाकर ले जाने के बाद युवक ने अपने साथी की मदद से उसके साथ गैंगरेप किया। किशोरी इस वारदात के दौरान इतनी चोटिल हो गई कि उसके प्राइवेट पार्ट में 10 टांके आए। वहीं इलाज के नाम पर आरोपियों ने पीड़िता के परिवार को 2300 रुपये दिए। मामले की शिकायत पुलिस से की गई है।
घटनाक्रम टीलामोड़ थाना क्षेत्र का है। मूल रूप से बागपत जिले में अशरफाबाद थल निवासी एक परिवार फिलहाल गाजियाबाद में टीला मोड़ थाना क्षेत्र के गांव पसौंडा स्थित प्रेम गार्डन में रहता है। परिवार में मां और उनके तीन बच्चे हैं। मां फ्लैट्स में झाड़ू-पोंछा करके परिवार का गुजारा करती है। छोटे 2 भाइयों की देखभाल 15 वर्षीय किशोरी करती है। पीड़िता ने बताया कि 11 जून को मां काम पर गई थी। दोनों भाई मदरसे में पढ़ने गए थे। दोपहर 12 बजे मोहित नाम का लड़का कमरे पर आया और बोला कि मेरी मां शालीमार रोड पर खड़ी हैं, उन्होंने मुझे बुलाया है। ये कहककर मोहित मुझे अपने साथ ले गया। वो मुझे शालीमार गार्डन में बुध बाजार की एक बिल्डिंग में ले गया। वहां पर हमारे मकान मालिक का भतीजा सारिक पहले से मौजूद था। दोनों ने मुझे बैठा लिया और कहा कि तेरी मां अभी दवाई लेकर आ रही हैं। पीड़िता के मुताबिक दोनों लड़कों ने मुझे रेड बुल एनर्जी ड्रिंक पिलाई। इसे पीकर मुझे चक्कर आने लगे। इसके बाद मोहित और सारिक ने मेरा रेप किया। धमकी दी कि अगर मैं ये बात किसी को बताउंगी तो मेरे दोनों छोटे भाइयों को जान से मार दिया जाएगा। इस घटना से मैं बुरी तरह डर गई। किसी तरह घर पहुंची। वहां मुझे ब्लीडिंग शुरू हो गई। मैं कमरे की कुंडी लगाकर लेट गई। रात के 10 बजे जब मां घर आई तो मैं उन्हें देखकर रोने लगी। मैंने मां को पूरा वाकया बताया। आवाज सुनकर मकान मालिक भी हमारे कमरे में आ गया। हमें धमकाया कि अगर किसी को इस बारे में कुछ बताया तो अच्छा नहीं होगा।
नजर रखते थे आरोपीगण
15 वर्षीय पीड़िता के अनुसार- मां मुझे नजदीकी ध्रुव हॉस्पिटल में रात के 3 बजे ले गईं। वहां मेरा करीब 3 घंटे इलाज चला। डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट के पास करीब 10 टांके लगाए। 13 जून को छुटटी मिल गई और मैं घर आ गई। इसके बाद मकान मालिक जाहिद और उसके आरोपी रिश्तेदार हम पर नजर रखने लगे। मैं या मां दवाई लेने बाहर जाते तो वो हमारे साथ जाते थे। इसके बाद एक आरोपी मोहित के ताऊ का लड़का मुरसलीन हमारे कमरे पर आया और धमकाते हुए मरहम पट्टी के लिए 2300 रुपए दिए। इस तरह हम कई दिन तक अपने ही कमरे में बंधक जैसी स्थिति में रहे।
ऐसे बाहर आकर दी तहरीर
पीड़िता ने बताया- 23 जून को आरोपी इकट्ठा होकर फिर कमरे पर आए। उन्होंने स्टांप पेपर पर मेरे और मां के जबरन साइन करा लिए। पीड़िता लड़की के फूफा ने बताया- 24 जून को मैं किसी काम से घर गया था। तब मुझे पूरी बात पता चली और फिर उनको मैं उस घर से निकालकर लाया। अब हमने मंगलवार (25 जून) को टीला मोड़ थाने पर एप्लिकेशन दी है। हमने मोहित और सारिक सहित उनके सभी सहयोगी मकान मालिकों पर भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
Discussion about this post