गाजियाबाद। शिवशक्ति धाम डासना में 17 दिसंबर से होने वाली विश्व धर्म संसद की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इससे जुड़ी बैठक में जिम्मेदारियां भी दी गईं। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा यह विश्व धर्म संसद असाधारण इतिहास रचेगी। ये हर गैर मुस्लिम के सम्मानपूर्वक जीने के अधिकार की आवाज बनेगी।
यति ने कहा कि यह विश्व का पहला ऐसा मंच होगा, जहां दुनिया का कोई भी इस्लामिक जिहाद का पीड़ित व्यक्ति या समुदाय अपनी पीड़ा दुनिया के सामने रख सकेगा। विश्व धर्म संसद में हमने उस यजीदी और यहूदी समुदाय के प्रतिनिधियों को भी बुलाया है, जो हजार वर्षों से इस्लामिक जिहाद के दंश को झेलकर आज खत्म होने के कगार पर है। हम जानते हैं कि विश्व धर्म संसद को रोकने के लिये इस्लामिक जिहादी कुछ भी कर सकते हैं। परंतु इन्हें ये समझना चाहिये कि हम हर स्थिति को झेलने के लिए तैयार हैं। हमारी जलती हुई चिताएं सम्पूर्ण मानवता के लिये प्रकाश स्तम्भ का कार्य करेंगी और हमारे बलिदान से मानवता की रक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा।
निमंत्रण पहुंचाने की जिम्मेदारी तय
निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती विश्व धर्म संसद का निमंत्रण सभी सनातनी धर्मगुरुओं तक पहुंचाएगी। इनके अलावा यति सत्यदेवानंद, यति रामस्वरूपानंद, यति रणसिन्हानंद, यति निर्भयानंद, कर्मयोगी आचार्य आशीष गोडसे सिख, जैन और बौद्ध धर्मगुरुओं को निमंत्रण देंगे।
निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती विश्व धर्म संसद का निमंत्रण सभी सनातनी धर्मगुरुओं तक पहुंचाएगी। इनके अलावा यति सत्यदेवानंद, यति रामस्वरूपानंद, यति रणसिन्हानंद, यति निर्भयानंद, कर्मयोगी आचार्य आशीष गोडसे सिख, जैन और बौद्ध धर्मगुरुओं को निमंत्रण देंगे।
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