गाजियाबाद। जिले में एक अधिवक्ता के दस्तावेज चोरी करके फर्जी फॉर्म बनाकर करोड़ों रुपए का व्यापार शातिर लोगों द्वारा किया गया है। अधिवक्ता मामले की जानकारी हुई, तो उन्होंने मसूरी थाने में फर्जी फॉर्म चलने वाले संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है पुलिस का दावा है कि जल्दी फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की जाएगी। उधर अधिवक्ता के साथ हुई धोखाधड़ी और फर्जी वाले को लेकर साथी अधिवक्ताओं में भी रोष देखने को मिल रहा है।
जिले के इंदरगढ़ के रहने वाले अधिवक्ता सुनील कुमार ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि जब वह अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर मोटा कारोबार हुआ है। जब अधिवक्ता सुनील कुमार ने पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई तो पता चला कि उनके नाम से एक फर्जी फॉर्म बनाकर बैटरी बेचने और खरीदने का कारोबार किया गया है। जबकि बैटरी बेचने और खरीदने के कारोबार से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जांच में यह भी पता चला कि शातिर लोगों 23.5 करोड़ का व्यापार अब तक कर लिया है। अधिवक्ता सुनील कुमार का कहना है कि अगर वह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने नहीं जाते तो शायद उन्हें उनके नाम पर हो रहे फर्जी बड़े की जानकारी भी नहीं हो पाती।
27 अक्टूबर को खोली गई थी फर्म
पुलिस ने शिकायती पत्र मिलने के बाद मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है पुलिस का कहना है कि जल्दी फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अधिकारियों ने बताया की अधिवक्ता ने बताया कि उनके नाम से दिल्ली के नारायण स्थित जीएसटी कार्यालय में 27 अक्टूबर 2023 को एक फॉर्म खोली गई थी। उसे फर्म के माध्यम से ही बैटरी खरीदने और बेचने का कारोबार किया गया। जबकि हकीकत में उन्होंने अपने दस्तावेजों पर कोई फॉर्म नहीं खुली है। हालांकि पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है पुलिस की जांच में सभी चीज स्पष्ट हो जाएगी कि आखिर फर्जी वाला कहां से और कैसे हुआ। जीएसटी में फर्जी दस्तावेज लगाकर फॉर्म का रजिस्ट्रेशन करने के मामले में पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
पुलिस ने शिकायती पत्र मिलने के बाद मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है पुलिस का कहना है कि जल्दी फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अधिकारियों ने बताया की अधिवक्ता ने बताया कि उनके नाम से दिल्ली के नारायण स्थित जीएसटी कार्यालय में 27 अक्टूबर 2023 को एक फॉर्म खोली गई थी। उसे फर्म के माध्यम से ही बैटरी खरीदने और बेचने का कारोबार किया गया। जबकि हकीकत में उन्होंने अपने दस्तावेजों पर कोई फॉर्म नहीं खुली है। हालांकि पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है पुलिस की जांच में सभी चीज स्पष्ट हो जाएगी कि आखिर फर्जी वाला कहां से और कैसे हुआ। जीएसटी में फर्जी दस्तावेज लगाकर फॉर्म का रजिस्ट्रेशन करने के मामले में पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
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