लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेटा कंपनी के सहयोग से पिछले डेढ़ साल में आत्महत्या की 457 घटनाएं रोकी हैं। वजह है कि आत्महत्या से पहले उसकी सूचना पोस्ट करने वालों का डाटा मेटा चंद मिनट में खंगालकर यूपी पुलिस के कंट्रोलरूम को इसकी जानकारी देता है और वहां से पुलिस संबंधित व्यक्ति की लोकेशन ट्रेस करके उसे आत्महत्या करने से रोकती है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि बीते 1 जनवरी 2023 से 15 जून 2024 तक की अवधि में ऐसे कुल 457 प्रकरणों में अलर्ट मिलने पर स्थानीय पुलिस द्वारा पीड़ित एवं उसके परिजन से वार्ता कर आत्महत्या करने जा रहे लोगों के प्राणों की रक्षा की गई। फेसबुक या इंस्टाग्राम पर किसी भी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या से संबंधित पोस्ट किया जाता है, तो मेटा कंपनी के मुख्यालय द्वारा पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर को तत्काल फोन एवं ई-मेल के माध्यम से अलर्ट भेजा जाता है। मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट का तुरंत कंपनी भेजती है अलर्ट में अलर्ट का संज्ञान लेकर त्वरित एक्शन के लिए अलग से डेस्क कार्यरत है, जो चौबीसों घंटे कार्य करती है। इस डेस्क से यूपी एसटीएफ के सर्वर का एंटीग्रेशन किया गया है, जिसकी मदद से ऐसी पोस्ट करने वाले की तत्काल लोकेशन ज्ञात कर यूपी-112 के साथ-साथ संबंधित जिले की पुलिस भी त्वरित कार्यवाही करती है।
740 अलर्ट पर किया काम
डीजीपी ने बताया कि 1 जनवरी 2023 से 15 जून 2024 तक की अवधि में मेटा कंपनी से लगभग 740 अलर्ट मिले, जिनमें से 457 लोगों के प्राणों की रक्षा की गई। शेष प्रकरणों में मेटा द्वारा उपलब्ध विवरण के आधार पर लोकेशन ज्ञात नहीं हो पाने, प्रकरण अन्य राज्य का होने, लोकेशन अस्पष्ट ‘अथवा घनी बस्ती में होने और फोन स्विच ऑफ होने के कारण स्थानीय पुलिस, पीड़ित तक नहीं पहुंच पाई।
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