गाजियाबाद : घर बैठे लखपति बनाने का ख्वाब दिखाकर लाखों ठगे

गाजियाबाद। साइबर अपराधियों ने जिले के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले चार लोगों से लाखों रुपए की ठगी की है। ठगी की घटनाएं सामने आने के बाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि किसी से इन्वेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमाने तो किसी से घर बैठे रुपए कमाने का झांसा देकर ठगी की घटनाएं की गई।

ठगी की पहली घटना क्रॉसिंग रिपब्लिक की मेजेस्टिक सोसायटी निवासी रविंद्र कुमार के साथ हुई। रविंद्र को ट्रेडिंग में मोटा मुनाफे का झांसा देकर 22.15 लाख की ठगी हुई है। रविंद्र ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उनके मोबाइल फोन पर एक मैसेज आया जिसमें ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा होने की बात कही गई थी। इसके बाद साइबर अपराधियों ने उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर ₹25000 इन्वेस्ट करवा दिए। मैं लालच में फंसे चले गए हो धीरे-धीरे उनसे कई बार में 22.15 लाख रुपए इन्वेस्ट करने के नाम पर ठगी कर ली गई। ठगी की दूसरी घटना वैभव खंड की रहने वाली अंजलि के साथ हुई। अंजलि ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात नंबर से फोन कॉल आई थी जिसमें उसने एक बड़ी कंपनी का अधिकारी होने की बात कह कर उनसे बातचीत की थी। इसके बाद उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने की जानकारी दी। शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने के नाम पर 5.15 लाख रुपये साइबर अपराधियों ने अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का एहसास होने के बाद अंजलि ने पूरे मामले की साइबर क्राइम थाना पुलिस शिकायत की पुलिस मामले की जांच कर रही है। ठगी की तीसरी वारदात ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम संजयनगर सेक्टर 23 के रहने वाले सुमित के साथ हुई। सुमित ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उन्हें व्हाट्सएप पर ऑनलाइन ट्रेडिंग की बात कह ठगों ने उन्हें एक ग्रुप में जाेड़ दिया। जिसके बाद साइबर अपराधियों ने अलग अलग खातों में 10.54 लाख रुपये ट्रांसफर करवाकर ठगी कर ली।

यूपीआई आइडी हैक कर निकाली रकम
चौथी ठगी की वारदात शास्त्रीनगर बी-ब्लाक रहने वाले आशीष सिंह के साथ हुई। आशीष ने पुलिस को दिया शिकायती पत्र में बताया कि साइबर अपराधियों ने यूपीआई आईडी हैक करके ₹50000 निकाल लिए। पुलिस शिकायती पत्र मिलने के बाद सभी ठगी के चारों मामलों में जांच कर रही है और पुलिस का दावा है कि जल्दी पीड़ितों की रकम वापस करने का प्रयास किया जाएगा।

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