गाजियाबाद। प्रापर्टी डीलर की उसके पार्टनर ने हत्या करा दी। घटना के पीछे करोड़ों रुपये हड़पने का उद्देश्य भी सामने आया है। प्रापर्टी डीलर तीन महीने से लापता था। उसका शव नहर में बहता हुआ बुलंदशहर पुलिस ने बरामद किया था।
नीतिखंड निवासी ममता वार्ष्णेय ने शिकायत दी कि पति राकेश वार्ष्णेय ने 28 फरवरी को अधिवक्ता के साथ डीसीपी ट्रांस हिंडन कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें उन्होंने अपनी और परिवार की जान का खतरा बताया था। वहां से अधिवक्ता दीपक को कड़कड़डूमा कोर्ट छोड़ने गए थे। शाम छह बजे अंतिम बार पति से बात हुई और रात 11 बजे उनका फोन बंद हो गया। दिल्ली पुलिस से शिकायत में पता चला कि कड़कड़डूमा कोर्ट में ही राकेश से दोस्त राजू उपाध्याय मिला था। वह भी प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। उसने पति राकेश को किसी बहाने से दूसरी जगह ले जाकर उनको अगवा कर लिया। पुलिस का कहना है कि राजू ने घटना को अंजाम देने के लिए राकेश को एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया था। फिर उनकी हत्या करके शव को तीन दोस्तों की मदद से मुरादनगर के नहर में फेंक दिया। उधर, देर रात जब राकेश घर नहीं पहुंचे तो पत्नी ममता को चिंता होने लगी। कॉल करने पर फोन भी स्विच ऑफ था। वह राजू के घर पहुंची लेकिन वह नहीं मिला। राजू का भी नंबर तभी से बंद आ रहा है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को पति की गुमशुदगी दर्ज कराई।
जांच में खुलास रहस्य
पुलिस की जांच में सामने आया कि कड़कड़डूमा कोर्ट में राकेश और राजू की मुलाकात हुई थी जबकि अगले दिन पति की कार डीएलएफ कॉलोनी के पास चाबी लगी हुई मिली थी। उन्होंने मामले की गहनता से जांच के लिए पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई थी। बीते शनिवार को शालीमार गार्डन पुलिस ने पुलिस आयुक्त के निर्देश पर राजू के खिलाफ नामजद अपहरण समेत अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया था।
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