गाजियाबाद। स्लाटर हाउस में 57 नाबालिग लड़के-लड़कियों से पशु वध का खुलासा होने के बाद पुलिस ने सभी नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। यहां से उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है। अधिकांश बच्चे बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और इन्हें नौकरी का झांसा देकर यहां बुलाया गया था। यहां उनसे पशु कटवाए जा रहे थे।
मुक्ति फाउंडेशन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत की थी कि मसूरी स्थित स्लॉटर हाउस एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड में बंगाल के 40 नाबालिग बच्चों को लाकर बालश्रम कराया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर और डीएम से बात की। इसके बाद आयोग से एक टीम गाजियाबाद भेजी गई। यहां आयोग की टीम, गाजियाबाद पुलिस, प्रशासन, चाइल्डलाइन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बुधवार को स्लॉटर हाउस पर छापेमारी की। करीब 3 घंटे तक कार्रवाई चली। इसमें 26 लड़के और 31 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया।
संचालक समेत पांच नामजद
इस पूरे मामले में बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र कुमार ने एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड के पांच मालिक-संचालकों पर थाना मसूरी में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें यासीन कुरैशी, पत्नी तसलीम कुरैशी, पुत्र जावेद कुरैशी सहित परवेज कुरैशी नामजद हैं।
इस पूरे मामले में बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र कुमार ने एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड के पांच मालिक-संचालकों पर थाना मसूरी में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें यासीन कुरैशी, पत्नी तसलीम कुरैशी, पुत्र जावेद कुरैशी सहित परवेज कुरैशी नामजद हैं।
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