नौतपा ने बढ़ाई गर्मी, अब एसी में रहेंगे रामलला

अयोध्या। नौतपा का असर अब पूरे देश में दिखने लगा है। अयोध्या में पारा 41 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। ऐसे में रामलला की सेवा में बदलाव लाया गया है। उन्हें बेहतरीन हल्की कढ़ाई किए हुए सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। हल्के आभूषण से श्रृंगार किया जा रहा है। प्रभु को रोज दही या लस्सी के साथ मौसमी रसीले फलों का भोग लगाया जा रहा है। साथ ही वहां एसी की व्यवस्था भी की गई है।

रामलला के लिए नया AC आ गया है, जो जल्द गर्भगृह में लगाया जाएगा। अभी गर्भगृह में कूलर लगाया गया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर को AC सौंप दिया है। चंपत राय का कहना है कि ट्रस्ट भगवान की सेवा लगातार बेहतर कर रहा है। भगवान की हर छोटी से छोटी जरूरत पर ध्यान दिया जा रहा है। ठंडक देने वाले गुलाब, चमेली, गेंदा आदि के फूलों से श्रृंगार किया जा रहा है। रामलला को बेहद प्रिय तुलसी के साथ उनके एक हजार नाम से रोज अर्चन चल रहा है। रामलला इन दिनों जो कपड़े पहन रहे हैं, वह दिल्ली के फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी खुद डिजाइन कर भेज रहे हैं। उन्होंने चार माह से रामलला की यह सेवा शुरू की है। वह अभी एक साल तक रामलला के लिए रोज कपड़े भेजेंगे। राम मंदिर में भगवान रामलला 5 वर्षीय बालक के स्वरूप में विराजमान हैं। इसलिए उनके रहन-सहन में भी मौसम के अनुसार बदलाव किया जा रहा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान ठंड का मौसम था। अब गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है, इसलिए रोज जलाभिषेक के बाद सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। श्रृंगार के बाद फूलों से सजी थाली में केवल एक दीपक जलाकर आरती होती है। जिससे कोमल भगवान को आंच न लगे। सुबह और शाम भोग के साथ दोनों समय जलपान में रबड़ी, खुरचन का पेड़ा आदि का भोग लगाया जा रहा है।

छोटे बालक की तरह रख रहे ख्याल
अयोध्या में वैष्णव पीठ श्रीराम वल्लभाकुंज में भगवान को दही की लस्सी के साथ आम, बेल आदि के फलों के रस, नींबू की शिकंजी और आश्रम के बने छाछ का भोग लगाया जा रहा है। भगवान के लिए AC लगाया लगाया है। मंदिर के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने बताया कि मौसम के अनुसार भगवान की सेवा बदलती रहती है। स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की मूर्ति में प्राण का संचार हो जाता है। इसके बाद भगवान को भी भूख और प्यास लगती है। भगवान अपने भक्तों को समय-समय पर सपने में या संकेत देकर इसका आभास कराते रहते हैं। इसलिए हम सभी भक्त एक छोटे बालक की ही तरह रामलला या भगवान श्रीराम के हर सुख-सुविधा का ध्यान रखते हैं।

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