नोएडा। रेलवे के रिटायर्ड जीएम को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 52.50 लाख रुपये ठग लिए। इस दौरान उन्हें ड्रग्स डीलिंग और आतंकी संगठनों से मिलीभगत के आरोप लगाकर डरा दिया गया। ठगी का एहसास होने पर जीएम प्रमोद कुमार ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया है।
पुलिस को दी गई तहरीर में आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसाइटी निवासी प्रमोद कुमार ने बताया कि नौ मई को उनके पास रिकॉर्डेड मैसेज आया। जिसमें बताया गया कि भेजा गया पार्सल डिलीवर नहीं हुआ है। मामले की ज्यादा जानकारी के लिए मोबाइल पर एक दबाने के लिए बोला गया। ऐसा करने पर कॉल किसी शख्स को ट्रांसफर हो गई। उसने कहा कि प्रमोद की ओर भेजे गए पार्सल को ताइवान के कस्टम विभाग ने सीज कर दिया है। पार्सल में 100 ग्राम ड्रग्स, चार किलो कपड़े, चार पासपोर्ट और तीन क्रेडिट कार्ड होने की जानकारी दी गई। इसके बाद कॉल मुंबई क्राइम ब्रांच के कथित पुलिस अधिकारी के पास ट्रांसफर कर दी। उसने पीड़ित के मोबाइल पर मुंबई पुलिस का आईकार्ड भेजकर खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी नरेश गुप्ता बनर्जी बताया।
सीबीआई का फर्जी लैटर भी भेजा
इसके बाद जालसाज ने 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर और 52.50 लाख रुपये ठग लिए। इस दौरान जालसाजों ने रिटायर्ड जीएम को सोने भी नहीं दिया। साथ ही सगे-संबंधियों से भी इन बातों का जिक्र नहीं करने के लिए कहा गया। जालसाजों ने सीबीआई के नाम का एक लेटर भेजा। इसमें लिखा गया है इस मामले में अब आपको जेल जाने से कोई रोक नहीं पाएगा। फिर आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग केस से बाहर निकालने में मदद करने की बात कहकर बैंक अकाउंट और एफडी समेत अन्य जानकारी ले ली। इसके बाद पहली बार में 22.50 लाख, दूसरी बार में 26.50 लाख और तीसरी बार में 3.50 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर कराई। जब और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा तब पीड़ित को ठगी की आशंका हुई।
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