नई दिल्ली। सीएए के तहत पहली बार 14 शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिली है। गृहमंत्रालय ने यह जानकारी साझा करने के साथ ही कहा कि नागरिकता के सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को सीएए देशभर में लागू किया था। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
दरअसल, 10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद सीएए कानून बन गया था। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
भारतीय नागरिकों पर कानून बेअसर
भारतीय नागरिकों से सीएए का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। सीएए या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता। इसके लिए आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
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