ग्रेटर नोएडा। नाबालिग लड़के के अपहरण-हत्याकांड का वर्कआउट करते हुए पुलिस ने तीन आरोपी पकड़े हैं। एक युवती भी पुलिस ने गिरफ्तार की है। एनकाउंटर के दौरान यह गिरफ्तारी दिखाई गई है। एक शातिर को गोली लगी है, जबकि दो दबोचे गए। वारदात की वजह होटल समेत रकम हथियाने की थी। एक युवती भी इस कांड में शामिल निकली। अपहरण-हत्या की यह पटकथा बच्चे के रिश्तेदारी ने लिखी थी।
गोली लगने से घायल बदमाश का नाम भी कुणाल है। जबकि उसके साथी हिमांशु और मनोज को पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा था। इनमें मनोज होटल कारोबारी का रिश्तेदार है। पुलिस ने बताया- एक क्राइम वेब सीरीज देखकर मनोज और हिमांशु ने प्लानिंग की। पुलिस को गुमराह करने के लिए अपना भेष बदला, गाड़ी चेंज की। घटना के समय हिमांशु गाड़ी चला रहा था। तन्वी और आरोपी कुणाल ने कारोबारी के बेटे कुणाल (मृतक) को गाड़ी में बैठाया। उस समय आरोपी कुणाल पैर से विकलांग होने की एक्टिंग करता रहा। बुधवार रात बीटा-2 थाना पुलिस को सूचना मिली कि कुणाल की हत्या के आरोपी फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले हैं। पुलिस ने बुधवार देर रात ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी इलाके में चेकिंग अभियान चलाया। इसी बीच एक कार आते हुए दिखाई दी। पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो बदमाश गाड़ी लेकर भागने लगे। पुलिस पीछा करने लगी तो बदमाशों ने फायरिंग की। कुछ दूर जाकर उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इसके बाद तीनों आरोपी फायरिंग करते हुए भागने लगे। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में बदमाश कुणाल के पैर में गोली लगी। वह गिर पड़ा। मुठभेड़ के दौरान मनोज और हिमांशु फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने एरिया को घेरकर तलाशी ली। तब दोनों आरोपी पकड़े गए। पुलिस ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी और तमंचा बरामद किया है। हिमांशु ने कुणाल के पिता से ढाई लाख रुपए लिए थे। कुणाल हिमांशु से पैसे वापस मांगता था। लेकिन हिमांशु उसे पैसे वापस नहीं देना चाहता था। इसके बाद हिमांशु ने मनोज को सारी बात बताई। फिर दोनों ने मिलकर कुणाल की हत्या का प्लान बनाया। वारदात में शामिल युवती तन्वी एमबीबीएस की छात्रा है।
ये था पूरा मामला
इन लोगों ने 1 मई को कुणाल का अपहरण किया गया था। अपहरण करने के बाद यह लोग कुणाल को कार से लेकर जेपी विश टाउन सोसाइटी के सेक्टर 127 के फ्लैट पर गए थे। वहां पर कुणाल के हाथ और मुंह को टेप से बांध दिया था। फिर उसकी हिमांशु ने गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद कुणाल के शव को एक ट्रॉली बैग में भरा। इसके बाद शव लेकर बुंलदशहर गए। वहां जाकर एक नहर में शव को फेंक दिया। इसके बाद यह लोग हत्या करने के बाद आस पास के जिले में गाड़ी नम्बर बदलकर व गाड़ी पर नए नए स्टिकर लगाकर घूमते रहे। पुलिस को लगातार गुमराह करते रहे। 5 मई को कुणाल का शव बुलंदशहर की नहर से बरामद हुआ था।
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