गाजियाबाद। कांग्रेस की अनुशासन समिति ने जिलाध्यक्ष राकेश भाटी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। निष्कासन की अवधि छह साल रखी गई है। इस कार्रवाई के बाद अन्य पदाधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि को प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी की ओर से फंड जारी किया गया था। जिलाध्यक्ष राकेश भाटी की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा था। पत्र में दावा किया गया था कि प्रचार के फंड जारी होने के बाद जिलाध्यक्ष राकेश भाटी की ओर से प्रत्याशी की सहमति से प्रचार-प्रसार पर कुछ धनराशि खर्च की थी। पत्र में दावा किया गया था कि पार्टी के प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि, राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल और प्रदेश उपाध्यक्ष विदित चौधरी उनके पास आए और फंड की शेष बची धनराशि को अपने साथ ले गए और कहा कि वह अपने स्तर से ही इस धनराशि को खर्च करेंगे। जिलाध्यक्ष के वायरल पत्र में आशंका जताई थी कि प्रचार के फंड का दुरुपयोग न हो, इसके लिए जांच की जानी आवश्यक है।
वायरल हो गया पत्र
जिलाध्यक्ष की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद अखबारों में भी सुर्खियां बनीं तो जिलाध्यक्ष ने दावा किया था कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। दूसरी ओर पार्टी की अनुशासन समिति के सदस्य श्याम किशोर शुक्ला ने राकेश भाटी को नोटिस जारी कर जबाव तलब किया था। इसके बाद जिलाध्यक्ष राकेश भाटी ने जबाव दिया था कि उन्होंने नियमानुसार जांच के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा था। राकेश भाटी की ओऱ से दिए गए स्पष्टीकरण से अनुशासन समिति के सदस्य श्याम किशोर शुक्ला ने असंतुष्टि जाहिर करते हुए छह साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है।
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