लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस सहायता केंद्र पर वायरिंग कर रहे इलेक्ट्रीशियन की करंट से मौत हो गई। बताया जाता है कि सहायता केंद्र पर बिजली कनेक्शन नहीं है, कटिया डालकर यहां चोरी से सप्लाई ली जा रही थी। बीकेटी एसीपी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मामले की जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही है।
इंदौरबाग तहसील मोड़ पर तीन माह से पुलिस सहायता केंद्र पिछले तीन महीने से बन रहा है। भवन का काम पूरा होने के बाद शुक्रवार को इसकी वायरिंग की जा रही थी। इसके लिए देवरई कला गांव निवासी इलेक्ट्रीशीयन शानू (22) को पुलिसकर्मियों ने बुलाया था। पिता मोहम्मद यूसुफ का कहना है कि शानू सुबह दस बजे पुलिस सहायता केंद्र पर वायरिंग करने के लिए निकला था। शाम के समय में करंट लगने से उसके मौत हाेने की जानकारी मिली। आरोप है कि शाम करीब चार बजे आसपास के दुकानदार चौकी के अंदर पहुंचे तो बेटा बेहोशी की हालत में फर्श पर पड़ा था। इस दौरान तार उसके हाथ में था। मौके पर पहुंचे लोगों की सूचना पर हल्का प्रभारी अशोक कुमार यादव लोगों की मदद से शानू को शाढ़ामऊ स्थित सौ सैय्या अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बीकेटी एसीपी सुजीत कुमार दुबे का कहना है कि हादसा कैसे हुआ, उसे किसने काम के लिये बुलाया था। इसकी जांच कराई जाएगी। मामले में शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को मोर्चरी में रखवाया गया है।
परिवार में मचा कोहराम
मामले की सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे शानू के पिता ने कहा कि बेटा दो दिन से पुलिस सहायता केंद्र में वायरिंग करने के लिए जा रहा था, लेकिन उसे मेहनताना नहीं दिया जा रहा था। शानू के परिवार में मां पिता यूसुफ के अलावा मां रुकसाना व छोटा भाई जान मोहम्मद है, जो कार रिपेयरिंग का कार्य करता है। घटना के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोक कर बुरा हाल हो गया है।
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