गाजियाबाद। जिले में एक युवक ने बैंककर्मियों के साथ मिलकर अपने पिता की वसीयत छिपाकर 36 लाख रुपए निकाल लिए। मामला जानकारी में आने के बाद आरोपी की बहन और भाई ने मुख्य न्यायाधीश की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की गुहार लगाई। इसके बाद मुख्य न्यायक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज करने आदेश दिए हैं। उधर बैंक से पैसे निकालने के बाद आरोपी मौज मस्ती करने कहीं चला गया है। फिलहाल आदेश मिलने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
विजयनगर के रहने वाले गिरीश मेहता ने अपने पिता की मौत के बाद वसीयत छिपकर पंजाब नेशल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से बैंक कर्मियों की मदद से हेराफेरी कर 36 लाख रुपए निकला लिए। इसकी जानकारी जब गिरीश मेहता की बहन विजय कुमारी व भाई यशपाल को हुई तब उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया। मामले में एडवोकेट अमित पंत बताया कि मृतक राजकुमार मेहता की बेटी विजय कुमारी और बेटे यशपाल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की गुहार लगाई।
बंटवारे के बाद बैंक में डाली थी रकम
प्रार्थना पत्र में राजकुमार मेहता की बेटी विजय कुमारी और बेटे यशपाल ने बताया कि उनके पिता ने जीवित रहते हुए वसीयत की थी जिसमे जिक्र किया था कि चल अचल संपत्ति का बंटवारा तय कर दोनों बैंको में भी जमा किया गया था,लेकिन इसके बाद भी गिरीश मेहता ने वसीयत छिपाकर बैंककर्मियों की मिली भगत से दोनों बैंकों से 36 लाख रुपए निकाल लिए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रिपोर्ट दर्ज करने व विवेचना के आदेश दिए हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
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