गाजियाबाद। चाय की दुकान पर काम करने वाले युवक के दस्तावेजों पर फर्जी फर्म बनाकर 70 लाख का कारोबार कर लिया गया। भुक्तभोगी को इसकी जानकारी उस वक्त हुई, जब आयकर की ओर से उसे नोटिस भेजा गया। मामले की तहरीर पर एसीपी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गोविंदपुरी क्षेत्र की डबल स्टोरी कॉलोनी निवासी हरीश उर्फ डमरू एक चाय की दुकान पर काम करता है। हरीश के पिता राधेश्याम फैक्टरी में मजदूरी करते हैं। हरीश ने बताया कि होली से लगभग सप्ताहभर पूर्व डाक से आयकर विभाग का एक नोटिस उसके घर पहुंचा, इसके 15 दिन बाद दूसरा नोटिस मिला। पहली बार नोटिस मिला तो हरीश ने सोचा कि गलती से डाक उनके घर आ गई होगी, जब दोबारा नोटिस मिला तो वह सकते में आ गया और उसने नोटिस को तहसील में अधिवक्ता से दिखाया। इसके बाद हरीश को अपने दस्तावेजों पर फर्जी फर्म बनाकर कारोबार करने की जानकारी हुई। नोटिस के अनुसार हरीश के आधार और पेन कार्ड का इस्तेमाल कर वित्तीय वर्ष 2019-20 में फर्जी फर्म बनाई गई। फर्म में कॉपर से संबंधित 70 लाख रुपये का कारोबार किया गया। शातिरों ने रिटर्न भी दाखिल किया। जिसमें करीब एक लाख रुपये का टीडीएस जमा हुआ। टीडीएस और जीएसटी की डिटेल के बाद आयकर विभाग के संज्ञान में मामला आया।
यहां से गड़बड़ी की आशंका
भुक्तभोगी ने बताया कि साल 2019 में उसने एक मोबाइल फोन फाइनेंस पर लिया था। वहां उसका आधार व पैनकार्ड जमा कराया गया था। हरीश ने उसी दौरान लिए गए दस्तावेजों से फर्म बनाने की आशंका जताई है। हरीश ने बताया कि घटना का पता लगने पर वह दो दिन पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मामला साइबर सेल का बताकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं, एसीपी ज्ञानप्रकाश राय का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
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