गाजियाबाद। जिले में क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के दौरान हत्या दो शातिर पकड़े हैं। दोनों एक हत्यारोपी को कोर्ट से फरार कराने की साजिश रच रहे थे। ऐन वक्त पर पुलिस को इसकी भनक लग गई और यह कार्रवाई की गई है। गिरफ्तार दोनों बदमाशों के पास से पुलिस ने तलाशी के दौरान एक पिस्टल 32 बोर कारतूस, एक तमंचा व कारतूस बरामद किए है। पुलिस ने बताया कि इन लोगों की तलाश काफी समय से चल रही थी।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पता चल है कि मूल रूप से मेरठ जिले के खानपुर का रहने वाला हर्षित चिकारा गाजियाबाद के बापूधाम थाना क्षेत्र के बालाजी एनक्लेव मैं रह रहा था और उसका साथी रोहित चौधरी मोदीनगर थाना क्षेत्र के तिवड़ा रोड कॉलोनी का रहने वाला है। गिरफ्तार बदमाश हर्षित चिकारा ने बताया कि वह दसवीं पास है और बालाजी एनक्लेव में रहकर नोएडा में बाइक के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी में जॉब करता था। साल 2019 में उसके खिलाफ थाना मोदीनगर में बलात्कार का मुकदमा लिखा था। जिस मुकदमे में वह साल 2019 में जेल गया और करीब ढाई वर्ष जेल में रहा था। जेल में हर्षित की मुलाकात कुख्यात अपराधी अंकुश उर्फ अंकुर निवासी ग्राम मुकिमपुर की मंढिया थाना भोजपुर से हुई थी। अंकुश उर्फ अंकुर के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, लुट आदि के करीब दो दर्जन अभियोग पंजीकृत हैं। अंकुश अपने ही गांव के नरेश के मर्डर के मामले में में जेल में बंद था। अंकुश के आपराधिक कृत्यो को देखते हुए उसे डासना जेल गाजियाबाद से सन्तकबीर नगर की जेल में भेज दिया गया था। हर्षित ने बताया कि मैं जेल से बाहर आने के बाद भी जब भी अंकुश कोर्ट में पेशी पर आता था तो मैं व मेरा साथी रोहित चौधरी कचहरी में अंकुश से मुलाकात करने जाते थे। अंकुश ने हमको बताया था कि हत्या के मुकदमें में गवाही उसके खिलाफ हो चुकी है जिनमें उसको सजा होने वाली है। उसने हम दोनों को उसकी अगली पेशी पर उसे पुलिस कस्टडी से फरार कराने की योजना बनाकर आना के लिए कहा था और अभी 3 दिन पहले वह गाजियाबाद कोर्ट में पेशी पर आया था।
फरार कराने की थी योजना
योजना के तहत हर्षित और रोहित उससे कोर्ट में मिलने गए थे और अगली पेशी में उसे फरार करवाने की बात कही थी। जिसकी भनक पुलिस को लग गई थी और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि हर्षित चिकारा पर गाजियाबाद में तीन रोहित चौधरी के विरूद्ध गाजियाबाद में एक मुकदमा दर्ज है।
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