वाराणसी। श्रद्धालुओं से भरी बस में अचानक आग लग गई। पुलिस ने चलती बस में आग देखी तो उसका पीछा शुरू कर दिया। बाद में बस रुकवाकर उसके शीशे तोड़े और यात्रियों को सुरक्षित निकाला। हादसे के वक्त बस में सवार सभी श्रद्धालु सो रहे थे। जबकि ड्राइवर को भी इसकी भनक नहीं थी। सवारियों के उतरने के बाद बस जलने लगी और देखते ही देखते केवल लोहे का ढांचा ही शेष रहा। श्रद्धालु झारखंड के दुमका से काशी विश्वनाथ धाम दर्शन करने जा रहे थे। तभी मंडुआडीह थाना क्षेत्र के महेशपुर के पास हाईवे पर बस में आग लग गई।
सिपाही रोहित और आनंद ने बताया,”हम लहरतारा चौकी के बाहर ड्यूटी पर तैनात थे। तभी देखा कि एक बस गुजर रही है और बस से धुआं निकल रहा है। बस जब क्रॉस हुई तो देखा कि उसमें पीछे आग लगी थी। ड्राइवर रफ्तार से बस भगा रहा था। हमने पहले बस चालक को आवाज दी लेकिन वह सुन नहीं सका। इसके बाद हमने तुरंत बाइक चालू की और बस का पीछा किया। बस को ओवरटेक कर मंडुआडीह थाना क्षेत्र के महेशपुर चौराहे के पास उसे रुकवाया। उस समय तक यात्रियों को पता नहीं था कि बस में आग लगी है। कंडक्टर भी सोया था। हमने तुरंत ड्राइवर को आग के बारे में बताया और यात्रियों को जगाकर बाहर निकालना शुरू किया। आग की बात सुनते ही लोगों में भगदड़ मच गई। यात्री बस से उतर कर भागने लगे। पुलिस ने हाइवे पर दोनों तरफ का ट्रैफिक रोक कर सभी को सकुशल बाहर निकाला।
अयोध्या से वाराणसी निकली थी बस
बस के रामा यादव ड्राइवर ने बताया, सभी 70 यात्री झारखंड के दुमका जिले से आए हैं। भारत दर्शन के लिए निकले हैं। बस यात्रियों को अयोध्या से वाराणसी लेकर आ रही थी। बस में शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग पीछे लगने के कारण पता नहीं चल सका। पुलिस ने बताया कि मौके पर वहां के दो लोग नीरज पटेल और सुरेस चंद्र तिवारी ने लोगों को निकालने में मदद की। हादसे में कुछ लोगों को हल्की चोटें आई है। जिनकी पहचान अनीता महतो, भक्ति पद्मजा, प्रशांत कुमार बैद्य, विजय मंडल, लक्ष्मीकांत मंडर, शभूनाथ, मुकुंद मंडल, अजय महतो के रूप में हुई है।
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