सुपुर्द-ए-खाक हुआ माफिया मुख्तार, जनाजे में उमड़ी भीड़, डीएम से नोकझोंक

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। मुख्तार का शव सबसे पहले गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद स्थित उसके पैतृक आवास पर पहुंच गया था। जहां उसके जनाजे में काफी भीड़ उमड़ी थी। प्रशासन ने कब्रिस्तान में केवल परिवार के लोगों को ही जाने की परमिशन दी थी। हालांकि मुख्तार अंसारी के जनाजे के दौरान उनके समर्थकों द्वारा कब्रिस्तान में प्रवेश करने के लिए बैरिकेडिंग तोड़ी गई जिससे अफरा-तफरी मच गई।

वहीं फरार होने के कारण उसकी पत्नी जनाजे में शामिल नहीं हुई। बड़ा बेटा अब्बास जेल में होने के कारण शामिल नहीं हो सका। मुख्तार को दफनाए जाने के बाद सांसद अफजाल अंसारी और गाजीपुर डीएम के बीच जोरदार बहस भी हुई। डीएम गाजीपुर ने धारा 144 का हवाला देते हुए कहा कि मिट्टी देने केवल परिवार के लोग जाएं, पूरा कस्बा नहीं जाएगा। अगर धारा 144 का उल्लंघन हुआ तो सबके खिलाफ एफआईआर करेंगे। वहीं मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने कहा कि जनाजे में जाने और मिट्टी देने के लिए किसी की परमिशन लेने की जरूरत नहीं। मुख्तार के भाई अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि जिस तरह से मुख्तार अंसारी को मारकर रास्ते से हटाया गया। समय आने पर हम इस बात का पुख्ता सबूत देंगे कि उन्हें जहर देकर मारा गया। एक दुर्दांत अपराधी को बचाने के लिए पूरी सरकार और उसकी मशीनरी ने बहुत बड़ी साजिश रची है। उन्हें शर्म नहीं आती 26 मार्च को मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से मेडिकल कॉलेज भेजा गया था।

महज पांच मिनट कराई मुलाकात
जेल अधीक्षक ने कहा कि इसलिए भेजा गया क्योंकि डॉक्टरों ने सुझाव दिया था। सुबह 3 बजे हमें मैसेज मिला कि मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर है। जब हम अस्पताल पहुंचे तो बड़ी मुश्किल से सिर्फ 5 मिनट के लिए मिलने दिया गया। 5 मिनट की मुलाकात के दौरान मुख्तार अंसारी ने कहा कि उन्हें जहर दिया गया था और इस वजह से वे बेहोश हो गए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत दर्द हो रहा था। उन्होंने कहा कि वे बेहोश हो गए थे और उसी हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

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