गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में 32 तरीके की आयुर्वेदिक दवाओं पर रोक लगा दी गई है। वजह है कि जांच में इन दवाओं के सैंपल फेल निकले, जबकि 10 दवाएं ऐसी हैं जो नकली पाई गई थीं।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉक्टर अशोक राना ने बताया, पिछले हफ्ते लखनऊ से निदेशक का पत्र प्राप्त हुआ था। इसमें 32 दवाओं के नाम लिखे हुए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट गड़बड़ आई थी। इस रिपोर्ट के बाद गाजियाबाद में भी इन 32 औषद्यियों के बिक्री और भंडारण पर रोक लगा दी गई है। मार्केट में इन दवाओं की बिक्री न हो, इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। अगर मार्केट में ये दवाएं मौजूद पाई जाती हैं तो उन्हें जब्त करके नष्ट किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर अम्बाला की एक कंपनी विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल बनाती है। कहने को ये आयुर्वेदा कैप्सूल है, लेकिन इसमें स्टेरॉयड पाया गया है। किसी दवा में मैटल की मात्रा बेहद ज्यादा मिली। कुल मिलाकर इन 32 दवाओं में जो मानक होने चाहिए, वे पूरे नहीं मिले।
इन दवाओं पर लगी रोक
रूमो प्रवाही, सुंदरी कल्प, ज्वाला दाद, त्रयोदशांग गुग्गसल, वेदान्तक वटी, एसीन्यूढ्रा लिक्विड , आमला चूर्ण, सुपर सोनिक कैप्सूल, ब्रोस्टा 400 टेबलेट, बायनाप्लस कैप्सूल। ये सभी दवाएं नकली निकली हैं। जबकि मिलावटी वाली दवाओं में विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल, हेल्थ गुड सीरप, हैपलिव डीएस सीरप, पैनलिन चूर्ण, एज-फिट चूर्ण, स्लीमैक्स चूर्ण, दर्द मुक्ति चूर्ण, अर्थोनिल चूर्ण, योगी केयर, माइकन गोल्ड कैप्सूल, दीप डायविन्ट शुगर केयर टैबलेट, हाईपॉवर मूसली कैप्सूल, डायवियोग केयर, झंडू लालिमा ब्लड एंड स्किन प्यूरीफायर, सिस्टोन सीरप, लिव-52, वायना प्लस ऑयल, वातारिन ऑयल, न्यू रिविल, बोस्ट एम आर टेबलेट नाम की दवाओं में मिलावट मिली है।
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