गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पर इलेक्टोरेल बॉन्ड के जरिये 162 करोड़ रुपए का चंदा राजनीतिक दल को देने का मामला सामने आया है। इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर अपलोड किए गए इलेक्टोरेल बॉन्ड की डेटा एनालिसिस भी इसकी गवाह है। हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन ने ऐसी खबरों व आरोपों का खंडन किया है।
हॉस्पिटल ने 12 बार में 162 करोड़ रुपए के 162 बॉन्ड खरीदे थे। सोशल मीडिया पर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ये हॉस्पिटल गाजियाबाद का है। गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने राजनीतिक चंदा देने की बात पर सफाई देते हुए ऐसी खबरों का खंडन किया है। ये भी पता चला है कि इसी नाम का एक हॉस्पिटल हैदराबाद में भी है। इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर अपलोड डेटा के अनुसार, यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने 4 अक्टूबर 2021 को 10 करोड़, 7 अक्टूबर 2021 को 7 करोड़, 4 अप्रैल 2022 को 50 करोड़, 6 अप्रैल 2022 को 30 करोड़ रुपए, 15 नवंबर 2022 को चार करोड़, 7 दिसंबर 2022 को पांच करोड़, 5 अप्रैल 2023 को छह करोड़, 11 अप्रैल 2023 को 4 करोड़, 4 अक्टूबर 2023 को 10 करोड़, 5 अक्टूबर 2023 को 10 करोड़, 6 अक्टूबर 2023 को 20 करोड़ और 11 अक्टूबर 2023 को 6 करोड़ रुपए के इलेक्टोरेल बॉन्ड ैठप् से खरीदे गए। प्रत्येक बॉन्ड की कीमत एक करोड़ रुपए थी। इस प्रकार कुल 12 बार में 162 करोड़ रुपए के 162 बॉन्ड खरीदे गए थे।
ये है प्रबंधन का पक्ष
गाजियाबाद में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी ने इलेक्टोरेल बॉन्ड को लेकर चल रही खबरों के बीच अपनी सफाई दी है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, ’हमारे संज्ञान में आया है कि यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी द्वारा चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक चंदा देने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जो कि पूर्णतः असत्य हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी संस्था ऐसी किसी भी गतिविधि में संलिप्त नहीं है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहा, ’हम ऐसे सभी अवांछनीय तत्वों से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे इस तरह का कोई भी निराधार दावा करने से पहले तथ्यों की सत्यता परख लें। हमारा संस्थान गाजियाबाद के अत्यधिक विश्वसनीय एवं कम खर्च में रोगियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले हॉस्पिटलों में से एक है।
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