गाजियाबाद। नगर निगम की 375 वर्ग गज जमीन अपनी बताकर कुछ लोगों ने उसे 34.50 लाख रुपये में बेच दिया। खरीदार को इस ठगी का एहसास हुआ तो उसने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा डाला। वादी सुनील की अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
न्यू कोटगांव निवासी सुनील कुमार की तरफ से पूर्व बार सचिव अधिवक्ता परविंदर नागर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदलत में अर्जी लगाई थी। पूर्व सचिव ने बताया कि सुनील ने अपनी मां कमली उर्फ कमला के नाम डूडाहेड़ा निवासी दीपक त्यागी और पुनीत त्यागी से 26 फरवरी 2013 को एक सौ वर्ग गज का भूखंड 9.20 लाख रुपये और 229 वर्ग मीटर यानि 275 वर्ग का दूसरा भूखंड 25.30 लाख रुपये में खरीदा था। जमीन खरीदने के पांच साल बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि वह भूखंड सरकारी (नगर निगम) भूमि है। इसके बाद भूमि की पैमाइश कराई गई। पांच मई 2018 को लेखपाल राजेन्द्र सिंह, नेपाल शर्मा व प्रमोद शर्मा ने दीपक त्यागी की उपस्थिति में भूखंड की माप की। पैमाइश के बाद बताया गया कि भूखंड नगर निगम का नहीं है। इसके बाद सुनील ने भूखंड पर तीन कमरे और दुकान का निर्माण करा दिया।
निगम ने ढहा दिया निर्माण
नगर निगम की टीम ने बिना कोई सूचना दिए ही भूखंड पर हुए निर्माण को ध्वस्त कर चारदीवारी कर दी। मामले की जानकारी होने पर सुनील ने अर्जी लगा बताया कि पुनीत त्यागी और दीपक त्यागी ने सरकारी जमीन को अपना भूखंड बता भूमि की पैमाइश करने वाले लेखपालों से मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचकर 34.50 लाख रुपये हड़प लिए।
Discussion about this post