गाजियाबाद। जिले के पासपोर्ट आफिस में तैनात चार अधिकारियों समेत पांच के खिलाफ घूसखोरी का केस लिखा गया है। सीबीआई ने जांच के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई है। वहीं आरोपियों के गाजियाबाद समेत मेरठ व मुजफ्फरनगर स्थित ठिकानों पर सर्च आपरेशन भी चलाया है।
रीजनल पासपोर्ट ऑफिस गाजियाबाद के पासपोर्ट असिस्टेंट रवि किशन, चंद्रकांत, सीनियर पासपोर्ट असिस्टेंट पवन कुमार, जंदैल सिंह और प्राइवेट पर्सन मुजफ्फरनगर निवासी मोहम्मद फरहान गौड को मुकदमे में नामजद किया गया है। इन पर आरोप है कि पेंडिंग पासपोर्ट के निस्तारण के नाम पर पासपोर्ट असिस्टेंट रविकिशन ने मोहम्मद फरहान गौड़ के जरिये 14 जून 2022 से 14 जून 2023 के बीच 73 हजार रुपए की रकम रिश्वत के रूप में ली। फरहान ने ये पैसा यूपीआई और अपने परिचित लोगों के वॉलेट, बैंक खाते से ट्रांसफर किया। इसके अलावा पासपोर्ट असिस्टेंट चंद्रकांत ने 8 अगस्त 2022 से 3 जनवरी 2023 के बीच 59700 रुपए मोहम्मद फरहान से लिए। इसी तरह सीनियर पासपोर्ट असिस्टेंट पवन कुमार ने 28 सितंबर 2022 से 2 जुलाई 2023 के बीच मोहम्मद फरहान से 22900 रुपए प्राप्त किए। सीनियर पासपोर्ट असिस्टेंट जंदैल सिंह ने भी 13 जून 2023 को एक पेंडिंग पासपोर्ट जारी करने के बदले मोहम्मद फरहान से दो हजार रुपए लिए। ये सभी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर की गई। शुरुआत में सीबीआई ने इसकी आंतरिक जांच की। प्रारंभिक जांच में आरोप पुष्ट हुए।
जांच के बाद होगी अगली कार्रवाई
जिसके बाद सीबीआई गाजियाबाद की एंटी करप्शन यूनिट ने इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने बताया कि आरोपी व्यक्तियों के मेरठ, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद स्थित परिसरों की तलाशी ली जा रही है और जांच जारी है।
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