गाजियाबाद। निजी शेल्टरहोम के डायरेक्टर पर पत्नी समेत छेड़छाड़ व बदसलूकी का मुकदमा लिखा गया है। खासियत यह है कि यह मुकदमा घटना के 23 साल बाद दर्ज कराया गया। दर्ज कराने वाली शेल्टरहोम की सुपरवाइजर है।
महिला का कहना है कि वह दिल्ली की एक सोसायटी से प्रोजेक्ट के तहत सुपरवाइजर नियुक्त हुई थीं। सोसायटी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने साहिबाबाद कोतवाली क्षेत्र के शेल्टर होम में उन्हें तैनाती दी थी। शेल्टर होम का निदेशक उन पर जबरन संबंध बनाने का दबाव बनाने लगा। परिसर में घूमते-फिरते उन पर अश्लील टिप्पणी करता था। पीड़िता ने निदेशक की और उनकी पत्नी की शिकायत फाउंडेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी से की तो उन्हें चुप रहने की धमकी दी गई।
आरोप है कि नौ मई 2001 को सुबह 9ः30 बजे जब वह ड्यूटी पर थीं तो कैंटीन के पास निदेशक ने उनके साथ अश्लील हरकतें की और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस को मामले की शिकायत दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच उन्हें तमाम तरह के आरोप लगाकर नौकरी से निकाल दिया गया।
कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
पीड़िता ने न्याय पाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया। एसीपी साहिबाबाद रजनीश उपाध्याय का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। डायरेक्टर पर छेड़छाड़ तो पत्नी पर बदसलूकी का आरोप है।
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