नई दिल्ली। किसान संगठनों के आवाह्न पर दिल्ली चलो विरोध मार्च में प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पार करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से सीमेंट के बैरिकेड को जबरन हटाया दिया। जिसके बाद पुलिस ने अराजकता फैलने पर हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया। इसके बाद भी किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर फ्लाईओवर के सेफ्टी बैरियर को तोड़ा दिया।
वहीं पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि लगभग 10,000 लोग यहां शंभू सीमा पर पहुंचे हुए हैं। किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं। ड्रोन के जरिए हमारे खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है। विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती। उधर किसान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है। सब राजनीतिक र्पार्टयां एक हैं। सत्ता वाले भी और विपक्ष वाले भी। ये अपनी सरकार बचाएं। जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई? आप इसी चुनाव का नवीनीकरण कर लीजिए। आप क्यों देश को पागल बना रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि देश में बड़ी पूंजीवाद कंपनिया हैं। उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बना ली है और इस देश पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में दिक्कते आएंगी ही। अगर किसान साथ कोई अन्याय हुआ। सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना वो किसान हमसे ज्यादा दूर हैं और ना दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है।
सरकार किसानों की आवाज को दबा रही
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जो कुछ हो रहा है और जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए और आंदोलन खत्म करने के लिए कीलों के साथ-साथ दीवारें तक खड़ी की गई। प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती थी कर रही है। दिल्ली की सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। ये वही सरकार के लोग हैं जिन्होंने किसानों से कहा कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, फसल की कीमत मिलेगी, एमएसपी लागू करेंगे।
सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार को जो जानकारी मिल रही है। उसमें बहुत सारे ऐसे लोग जो इसमें कोशिश करेंगे कि इस तरह की स्थिति बने जिससे वातावरण प्रदूषित हो। मैं किसान भाइयों से कहूंगा कि इन चीजों से वे बचें। भारत सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। अधिकांश बातों पर हम बात करने के लिए तैयार हैं। उसके कई विकल्प वे भी दे सकते हैं। हम भी विकल्प दे सकते हैं, एक विकल्प पर आकर हम एक समाधान ढूंढ सकते हैं।
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