गाजियाबाद : लक्ष्मी हत्याकांड में अब पुलिस के रडार पर पूर्व चेयरमैन समेत तीन का होगा नार्को टेस्ट

गाजियाबाद। जिले में हुए लक्ष्मी गुप्ता हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस को अब नार्को टेस्ट की जरूरत आन पड़ी है। वजह है कि पुलिस इस मामले के सही गुनाहगारों को पकड़ने की कोशिश में है। ताकि किसी बेकसूर पर कार्रवाई न होने पाए। इस मामले में संदिग्ध पाए गए पतला के पूर्व चेयरमैन मनोज शर्मा समेत उनके बेटे व किराएदार का नार्को कराने की अनुमति पुलिस को कोर्ट से मिल चुकी है।

पुलिस का मानना है कि नार्को टेस्ट से कई राज सामने आने से इनकार नहीं किया जा सकता। जिनमें नार्को टेस्ट होंगे, वे सभी पुलिस के शक के घेरे में हैं। कई बार बयान बदलने की भी चर्चा रही, लेकिन इनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिल सका। पुलिस मामले में क्राइम सीन रिक्रिएट भी करा चुकी है। बिसरा जांच भी हुई। लेकिन कोई साक्ष्य ऐसा नहीं मिला, जो पर्दाफाश में मददगार हो। लक्ष्मी की हत्या के गवाह कमरे में पुलिस को मिले साक्ष्य हैं। लेकिन हत्यारों का अभी कोई पता नहीं है। मौत से पहले आरोपितों के साथ लक्ष्मी ने संघर्ष किया। इससे उनके हाथ में चोट आई। इतना ही नहीं, गले पर बना निशान भी जघन्य तरीके से वारदात को अंजाम देने की तरफ इशारा कर रहा है। आरोपितों ने घटना को आत्महत्या दिखाने की पूरी कोशिश की।

बनाई गई थी आत्महत्या की पटकथा
हत्या करने के बाद शव को लक्ष्मी की चुन्नी से ही कमरे की चौखट से लटका दिया। पास में स्टूल भी रख दिया। साथ ही एक नोट भी लिख दिया। इसके बाद वे फरार हो गए। पुलिस को सहपाठियों पर शक था। उनसे पूछताछ भी हुई। लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। आरोपितों ने इतने शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम दिया कि पुलिस अब तक मामले की गुत्थी सुलझाने में नाकाम रही है।

ऐसे हुआ था हत्याकांड
कन्नौज जिले के छिपरा मऊ की लक्ष्मी गुप्ता मोदीनगर के दिव्य ज्योति शिक्षण संस्थान में बीएएमएस तीसरे वर्ष की छात्रा थी। वे निवाड़ी रोड पर सूर्या एनक्लेव कालोनी में मनोज शर्मा के घर पर किराये के कमरे में रहती थी। 15 जून 2023 को लक्ष्मी का शव कमरे में चौखट से लटका मिला। साथ में एक नोट भी मिला। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया।

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