गाजियाबाद। साहिबाबाद कोतवाली क्षेत्र के एक परीक्षा केंद्र से उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो संवर्ग में प्रधान परिचालक-प्रधान परिचालक (यांत्रिक), सहायक परिचालक एवं कर्मशाला कर्मचारी की सीधी भर्ती 2022 में दूसरे अभ्यार्थियों की जगह ऑनलाइन परीक्षा देने आए एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह तीन लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। 50 हजार रुपये एडवांस लेकर परीक्षा देने आया था। पुलिस अभ्यर्थी की तलाश कर रही है।
साहिबाबाद कोतवाली क्षेत्र के एस्पायरिंग विंग्स इन्फोटेक रामाकृष्णा विहार केंद्र पर चार फरवरी को अभ्यार्थी ग्राम शेरपुर आहे, सहपउ जिला हाथरस के संदीप कुमार की दूसरी पाली में परीक्षा थी। जांच के बाद युवक परीक्षा देने के लिए आया। उसे प्रथम तल पर लैब नंबर पांच में बैठाया गया। वह परीक्षा दे रहा था।
फिंगर प्रिंट निकले गलत
शाम करीब पौने पांच बजे बायोमेट्रीक टीम द्वारा जानकारी दी गई कि अभ्यर्थी संदीप कुमार की पहचान मिसमैच हो रही है। कोई अन्य उसके स्थान पर परीक्षा दे रहा है। जांच की गई तो संदीप के आधार कार्ड से फोटो, फिंगर प्रिंट का मिलान भी नहीं हुआ। संदेह होने पर केंद्र व्यवस्थापक और निरीक्षक रामरतन सिंह को बुलाया गया। युवक से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम धीरपुरा थाना नगला सिही जिला फिरोजाबाद का विवेक कुमार यादव बताया। वह अभ्यर्थी संदीप कुमार की जगह परीक्षा देने आया था।
हाथरस में तैयार हुए फर्जी दस्तावेज
पुलिस ने आरोपित विवेक कुमार यादव के पास से संदीप कुमार का प्रवेश पत्र और आधार कार्ड बरामद किया है। आधार कार्ड पर लेमिनेशन किया हुआ है। पूछताछ में उसने बताया कि तीन फरवरी को उसने और संदीप ने मिलकर इस आधार कार्ड को हाथरस में बनवाया था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि विवेक कुमार यादव ने तीन फरवरी को यही परीक्षा ए फ्यूचर टेक अलीगढ़ में परीक्षा दी थी। इसके बाद वह यहां पर संदीप के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया था। दोनों परीक्षा केंद्रों के डाटा में अपलोड फोटो का मिला हुआ तो वह भी विवेक का ही निकला।
प्राथमिक जांच में नहीं निकला साल्वर
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिश पाटिल ने बताया कि तीन लाख रुपये में सौदा कर अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने आए एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दोनों के बीच सौदा कराने वाले एक व्यक्ति का नाम प्रकाश में आया है। उसकी तलाश जारी है। जल्द सभी फरार आरोपितों को पकड़ा जाएगा। अभी तक साल्वर गिरोह के शामिल होने की जानकारी प्राथमिक जांच में नहीं मिली है।
Discussion about this post