गाजियाबाद: ड्रग्स का पार्सल भेजने का डर दिखाकर युवक से तीन लाख ठगे

गाजियाबाद। जिले में एक बार फिर साइबर ठगी का मामला सामने आया है। इस बार साइबर ठगों एक युवक को ताइवान में ड्रग्स का पार्सल भेजने के नाम पर डर दिखाकर तीन लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। ठगी का एहसास होने के बाद युवक ने कौशांबी थाने व साइबर सेल में मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की गुहार लगाई है। पुलिस ने मामले में पड़ताल शुरू कर दी है।

जिले के रचना वैशाली सेक्टर-तीन के रहने संजीव मेहता कौशांबी पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उनके फोन पर 7 दिसंबर को एक फर्जी फोन कॉल आई। फोन पर युवक ने उन्हें बताया फिर उनके द्वारा ताइवान में ड्रग्स का पार्सल भेजा गया है। अगर उसे मामले को निपटाना है तो उन्हें बताए गए खाते पर पैसे भेजने होंगे। संजीव एक-दो दिन उसे व्यक्ति को फोन पर बातें बताते रहे, लेकिन लगातार वह संजीव को डरता रहा। डर की वजह से संजीव ने उसके खाते में तीन लाख रुपए फोन पर बताए गए खाते में ट्रांसफर कर लिए। साइबर ठग ने उन्हें बताया कि उनके द्वारा भेजा गया पार्सल मुंबई से ताइवान जा रहा है जिसमें ड्रग्स है। जिसे पुलिस ने पकड़ लिया और उसकी तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस के डर की वजह से संजीव मेहता ने साइबर ठग के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। जब संजीव मेहता को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने कौशांबी थाने और साइबर सेल से पूरे मामले की शिकायत की। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला संजीव के साथ साइबर ठगी हुई है। जिसका पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जल्दी संजीव की रकम वापस करने का प्रयास किया जाएगा।

रुपए भेजने वाले खाते की होगी जांच
इंदिरापुरम एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह बताया कि एक युवक से ड्रग्स का पार्सल भेजने के नाम पर तीन लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया। युवक की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिस खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए उसकी पड़ताल की जा रही है।

पहले भी हुई हैं घटनाएं
गाजियाबाद नोएडा के अलावा एनसीआर के कई शहरों में अब तक साइबर करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं। ऐसे में बीते दोनों गाजियाबाद साइबर सेल ने दो करोड पचहत्तर लाख पैंतालीस हजार तीन सौ सतासी रुपए पीड़ितों को वापस कर आए थे। साइबर सेल द्वारा लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि उनके फोन पर आने वाले किसी भी अनजान फोन पर बैंक की कोई भी डिटेल ना देने, किसी भी तरह के रुपए ट्रांसफर न करने को लेकर जागरूक किया जाता है।

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