गाजियाबाद। पूरे देश में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई विपक्षी दल जमकर राजनीति भी कर रहे हैं। यहां तक की कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भाजपा अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन कर आगामी लोकसभा चुनाव में राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बना रही है।
कांग्रेस के इस बयान पर गाजियाबाद जिले में स्थित दूधेश्वर मंदिर के पूजारी महंत नारायण गिरी ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 1950-1951 में सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। 14 साल बाद 1965 में वहां कलश और ध्वजा स्थापित की गई थी। यह एक बहुत शुभ समय है। इसलिए सभी को इसका समर्थन करना चाहिए। उधर मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाने पर अयोध्या में सरयू महाआरती के अध्यक्ष शशिकांत दास महाराज ने कहा कि कुछ लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में बहुत भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। मैं याद दिलाना चाहता हूं कि जिस समय सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उस समय मंदिर का गर्भगृह और शिखर नहीं बन पाया था। आज भगवान का गर्भगृह और शिखर भी बनकर तैयार है। अगर प्रधानमंत्री मोदी नहीं होते तो आज ये मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता।
सपा काल में बना था भजनसंध्या स्थल
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अयोध्या में सरयू के तट पर सपा काल में बने भजन संध्या स्थल पर हो रहे आयोजन बता रहे हैं कि बड़ी सोच से किए गए काम स्थानीय विकास के साथ-साथ समाज के आध्यात्मिक उत्थान में भी सहयोग करते हैं।
दो गुटों में झड़प की जांच जारी
दो गुटों के बीच झड़प पर अयोध्या के एसपी मधुबन सिंह ने बताया कि आज कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधिमंडल अयोध्या धाम में दर्शन-पूजन करने के लिए आया था। जब प्रतिनिधमंडल के सभी सदस्य जन्मभूमि में दर्शन करने के लिए अंदर चले गए तो बाहर कुछ लोग आपस में झगड़ा करने लगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ लोग झंडा फहराने को लेकर बातचीत कर रहे थे जांच की जा रही है।
Discussion about this post