सुपुर्द-ए-खाक हुए शायर मुनव्वर राणा, साहित्य की दुनिया गमजदा

लखनऊ। देश के मशहूर शायर मुनव्वर राणा का लखनऊ पीजीआई में 71 साल की उम्र में रविवार रात निधन हो गया। आज सोमवार को शायर मुनव्वर राणा के जनाजे में देश के मशहूर शायर, अभिनेता व नेता पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

मुनव्वर राणा के निधन पर प्रसिद्ध फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि शायरी और उर्दू का यह एक बड़ा नुकसान है। मुझे इसका बेहद अफसोस है। यह नस्ल एक-एक करके जा रही है और इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी, उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी शायरी प्रेरक है, उनके लिखने का अपना अंदाज़ था। अच्छी शायरी करना मुश्किल है लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल है अपनी शायरी करना। उधर, मुनव्वर राणा के निधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुनव्वर राणा देश के बड़े शायर थे। ऐसे शायर बहुत कम होते हैं जो कई मौकों पर बहुत स्पष्ट होते हैं। मैं प्रार्थना करूंगा कि भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की हिम्मत दें।

कांग्रेस अध्यक्ष ने भी शोक व्यक्त कर दी श्रद्धांजलि
मुनव्वर राणा के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्विटर पर श्रद्धांजलि देते हुए उनका ही शेर लिखा है। लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है, मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है। उन्होंने कहा कि उर्दू के मशहूर शायर, मुनव्वर राना जी का निधन साहित्य के क्षेत्र की बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने अपनी शायरी से हिंदुस्तान के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई, उनके शब्द रिश्तों का ख़ूबसूरत ताना बाना बुनते थे। उनके परिवार और चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।

गंभीर मतभेद रहे: कुमार विश्वास
देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने भी ट्विटर हैंडल पर लिखकर मशहूर मुनव्वर राणा के निधन पर शोक व्यक्त कर लिखा है कि मुनव्वर राना नहीं रहे। उनके जीवन के आख़री दशक में उनसे गंभीर मतभेद रहे। किंतु कवि-सम्मेलनीय यात्रा के शुरुआती दौर में मंचों पर उनके साथ काफ़ी वक्त बीता। उन तमाम यादों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि सहित ईश्वर से प्रार्थना कि उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करे।

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