गाजियाबाद। ठेकेदार को इंटरलाकिंग टाइल्स दिलाने के नाम पर तीन युवकों ने उससे रुपये ऐंठ लिए। जबकि डीएम के पास पहुंचकर तीनों ने खुद को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का रिश्तेदार बताते हुए ठेकेदार को टेंडर दिलाने की पैरवी की। मामला संदिग्ध लगा तो डीएम ने जांच कराई। पता चला कि तीनों फ्रॉड हैं, जिसके बाद उनकी अरेस्टिंग डीएम कार्यालय परिसर से करा दी गई।
संजयनगर निवासी ठेकेदार संतोष कुमार सिंह ने बताया कि उनकी इंटरलॉकिंग ब्लॉक बनाने की यूनिट है। जिसका उपयोग खड़ंजे बनाने में किया जाता है। 9 जनवरी को उनके एक रिश्तेदार से संबंध होना बताकर ज्योतिरादित्य, दिनेश मौर्य और सूरज वर्मा उनसे गाजियाबाद में आकर मिले। तीनों ने संतोश को बताया कि हमारे गाजियाबाद के डीएम और अन्य उच्च अधिकारियों से निजी संबंध हैं। हम तुम्हें कुछ टेंडर दिलवा देंगे। इसकी एवज में कुछ खर्चा करना पड़ेगा।
ठेकेदार ने बताया, इन लोगों ने अपने मोबाइल में कुछ अधिकारियों के फोन नंबर दिखाए। इसके बाद कुछ दूर जाकर कथित नंबरों पर बातचीत की और फिर वापस आकर मुझे बताया कि टेंडर के लिए अधिकारियों से बातचीत हो गई हे। तुम्हारा काम हो जाएगा। तुम अब हमें कुछ रुपया दे दो, ताकि हमारे संबंध पक्के हो जाएं। इस पर मुझे कुछ शंका हुई। मैंने जानकारी की तो पता चला कि इन लोगों ने फर्जी नेता बनकर उच्च अधिकारियों से बातचीत की है और उसी आधार पर मुझे ठगना चाह रहे हैं।
ठेकेदार की ओर से एफआईआर
इस पूरी घटना में तीनों जालसाजों ने जहां ठेकेदार को अफसरों से अच्छे संबंध होना बताया। वहीं जब वे डीएम के पास पहुंचे तो खुद को मंत्री संदीप सिंह का रिश्तदेार बताया और ठेकेदार को टेंडर देने के लिए कहा। पकड़े गए आरोपी कुंवर ज्योतिरादित्य निवासी गांव जनौर (जौनपुर), दिनेश कुमार मौर्य निवासी गौर सिटी ग्रेटर नोएडा और सूरज वर्मा निवासी ग्वाल टोली कानपुर हैं। ठेकेदार संतोष कुमार सिंह ने तीनों के खिलाफ थाना कविनगर में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
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