गाजियाबाद: सपा व स्वामी प्रसाद की कहानी विक्रम-बेताल जैसी: आचार्य प्रमोद

गाजियाबाद। राम मंदिर, हिंदू धर्म और सनातन को लेकर लगातार विवादित बयान देने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से कारसेवकों पर सपा सरकार द्वारा गोलियां चलाने की बात को सही बताते हुए बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद से बीजेपी व कांग्रेस के नेताओं ने भी उन्हें जमकर घेरा है और उनके बयान की निंदा की है।

गाजियाबाद के रहने वाले कांग्रेस नेता एवं धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कहा कि समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम बेताल जैसी है। अखिलेश यादव के ऊपर स्वामी प्रसाद मौर्य का भूत चढ़ गया है। वे स्वामी प्रसाद मौर्य से डरते हैं, वे जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के व्यक्ति है, उनके बयानों से उनकी पार्टी का बेड़ा गर्क होगा और वे जानते हैं कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे ही बयान देते रहे तो उत्तर प्रदेश में भाजपा को आने से कोई नहीं रोक सकता फिर भी पता नहीं क्या मजबूरी है। कांग्रेस द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं। कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। यह कुछ लोग हैं जिन्होंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है। इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है। निमंत्रण को स्वीकार न करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है।

विवादित बयानों के बयानवीर हो गए हैं मौर्य
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित बयानों के बयानवीर हो गए हैं। मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि दें।

ये बोले थे स्वामी प्रसाद
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक कार्यक्रम के दौरान कासगंज में कारसेवकों पर गोली चलाने को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, बिना न्यायपालिका के किसी निर्देश के, बिना किसी आदेश के अराजक तत्वों ने जो तोड़-फोड़ की थी, उसपर तत्कालिन सरकार ने संविधान की, कानून की रक्षा के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी। वह सरकार का अपना कर्तव्य था, उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया था।

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