कमरे में जल रहा था पत्थर का कोयला दम घुटने से पांच बच्चों की मौत

अमरोहा। जिले में पत्थर वाला कोयला जलाकर घर में सो रहे पांच बच्चों की दम घुटने से मौत होने का मामला सामने आया है। पांच बच्चों की मौत से पूरे गांव में हड़कंप मच गया है। बच्चों की मौत की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी गांव में पहुंच गए हैं और पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं। फिलहाल पांच बच्चों की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

मामला जिले के ढकका मोड़ गांव का बताया जा रहा है। अमरोहा के डीएम राजेश त्यागी ने बताया कि गांव के रहने वाले रईसुद्दीन के परिवार के सात लोग एक ही कमरे में कोयला जलाकर सो रहे थे। कमरा बंद होने की वजह से ऑक्सीजन की कमी होने के कारण पांच बच्चों की मौत हुई है। जबकि दो लोग बेहोशी की हालत में मिले। पांचो बच्चों के शव के पोस्टमार्टम कराए जा रहे हैं। मौके पर देखकर प्रतीत हो रहा है ऑक्सीजन की कमी से ही बच्चों की दम घुटी है। दम घुटने से जिन पांच बच्चों की मौत हुई है उनमें तीन बच्चे रईसुद्दीन के है और दो बच्चे रिश्तेदारों के है। दम घुटने से बेहोश हुए दो लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जहां डॉक्टर उनकी हालत में सुधार बता रहे हैं। पांच बच्चों की मौत से परिवार और गांव में भी कोहराम मचा हुआ है।

घर पर मौजूद नहीं था रईसुद्दीन
ढक्का मोड़ गांव के रहने वाले रईसुद्दीन ट्रक चालक है। वह इन दिनों ट्रक लेकर बाहर है। उनके घर में उनकी पत्नी हुस्न, 19 वर्षीय बेटी सोनम, 15 वर्षीय बेटा जैद, 12 वर्षीय माहिर और रिश्तेदार रियासत व उसकी 16 वर्षीय बेटी महक, 13 वर्षीय भांजी कशिश घर में थे। इन लोगों ने ठंड से बचने के लिए कमरे में ही पत्थर के कोयले की अंगूठी जलकर राख ली थी। इसकी वजह से दम घुटने से पांचो बच्चों की मौत हो गई।

ऐसे हुआ गांव वालों को शक
रईसुद्दीन के घर से कोई भी व्यक्ति पूरे दिन बाहर नहीं निकला तब गांव वालों को अनहोनी का शक हुआ। मोहल्ले के कुछ लोगों ने रईसुद्दीन घर का दरवाजा तोड़कर देखा तो कब एक कमरे में सभी लोग बेहोशी की हालत में पड़े थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा तो पांच बच्चों की तब तक मौत हो चुकी थी। जबकि कमरे में सो रहे दो लोगों की हालत नाजुक बनी थी और वह बेहोशी की हालत में थे। उन्हें पुलिस ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी हालत में अब सुधार बताया जा रहा है। अगर मोहल्ले के लोग घर में घुसकर नहीं देखे तो शायद उन लोगों की भी मौत हो जाती।

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