गाजियाबाद। जिले में डीएम को भेजे गए भाजपा नेताओं के पत्र और रुपए का एक भी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल फोटो में 12 भाजपा नेताओं ने चाय के लिए डीएम को 700 रुपए भेजे हैं। पत्र में भाजपा नेताओं ने लिखा है कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे, लेकिन डीएम ने उन्हें अपमानित करने और चाय पिलाकर वापस लौटा दिया।
दरअसल, रविवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रताप विहार स्थित जल निगम के गेस्ट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान सीएम से मिलने जिले के भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व विधायक समेत 12 भाजपा नेता भी पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सीएम से नहीं मिलने दिया। तब सभी नेताओं ने नाराजगी जताई तो डीएम राकेश कुमार सिंह ने कहा हमने आपको पूरा सम्मान दिया और चाय भी पिलाई आप भी हमारा सहयोग करें। डीएम राकेश कुमार सिंह की इसी बात से नाराज होकर बीजेपी के 12 वरिश्ठ नेताओं ने एक लैटर में 700 रुपए भेजकर कहा कि डीएम साहब हमसे चाय के पैसे लीजिए, लेकिन अपमान मत कीजिए। भाजपा नेताओं द्वारा लिखा गया पत्र और भेजे गए रुपए का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। हालांकि फोटो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी नेताओं को साधने में लगे हुए हैं।
ये नेता पहुंचे थे सीएम से मिलने
जिले में आए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पूर्व सांसद रमेश चंद्र तोमर, पूर्व विधायक रुप चौधरी, कृष्णवीर सिरोही, प्रशांत चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पृथ्वी सिंह, प्रदेश संयोजक अजय शर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पवन गोयल, पूर्व महानगर अध्यक्ष विजय मोहन, वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल स्वामी, वीरेश्वर त्यागी, पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी पहुंचे। जहां एक प्रशासन का अधिकारी ने उन्हें गेस्ट हाउस के एक कमरे में बैठकर चाय नाश्ता कराया और उन्हें आश्वासन दिया कि थोड़ी देर में ही सीएम से मुलाकात कराई जाएगी। नेताओं का आरोप है इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने लाइनअप होकर सीएम से नमस्कार करने की बात कही जिस पर सभी ने नाराजगी जताई।
मामला सुलटाने में लगे प्रशासनिक अधिकारी
डीएम को लिखे गए पत्र और रुपए का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिले के प्रशासनिक अधिकारी सभी भाजपा नेताओं को साधने में लगे हुए। वहीं डीएम राकेश कुमार सिंह का कहना है कि अगर मिलने का कार्यक्रम पहले से तय होता तो सीएम प्रोटोकॉल के अनुसार उनके कार्यालय से अनुमति ले ली जाती, लेकिन मिलने का कोई कार्यक्रम पहले से तय नहीं था जिसकी वजह से इन लोगों की मुलाकात नहीं हो पाई। भाजपा महानगर इकाई ने पास जारी किए थे।
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