दिल्ली। सांसदों के निलंबन को लेकर इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च निकाल कर धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये प्रदर्शन सरकार के खिलाफ है। सरकार, पीएम मोदी और सदन के मुखिया नहीं चाहते कि सदन चले। हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावनाओं को संसद में बताना सांसदों का कर्तव्य होता है जो हम कर रहे थे।
खरगे ने कहा कि सुरक्षा में उल्लंघन कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसके बारे में आपको सदन को बताना चाहिए। अगर आप सदन में नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे, लेकिन ये दुर्भाग्यवश है कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी भी वहां (सदन में) नहीं आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में बात करते हैं, अहमदाबाद में बात करते हैं, रेडियो और टीवी पर बात करते हैं लेकिन सदन में बात नहीं करते हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि हम हमेशा संस्थाओं का सम्मान करते हैं। संसद में जो हुआ वह देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। सांसदों को सदन से बाहर करने का ऐतिहासिक काम किया गया है। जिनकी सिर्फ एक ही मांग थी कि सरकार की ओर से बयान दिया जाए कि जो लोग सदन के सदस्य नहीं थे वो सदन में कैसे आए। उन्हें पास किसने जारी किया?यह संसद का अधिकार है। वहीं मिमिक्री विवाद पर उन्होंने कहा, अगर कोई संसद के बाहर कुछ करता है तो उसे यहां तक ले जाना कि अगर कोई मेरे खिलाफ कुछ कहता है और मैं कहूं कि यह मराठों और किसानों का अपमान है। मैं ऐसा कभी नहीं कहूंगा।
निलंबन संसदीय इतिहास के लिए दुखद: मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने संसद के दोनों संसदों से सांसदों का निलंबन संसदीय इतिहास के लिए दुखद और लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है। इसी दौरान निलंबित सांसदों द्वारा राज्यसभा के सभापति का संसद परिसर में मजाक उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित और अशोभनीय है।
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