गाजियाबाद। जहर देकर बच्ची की हत्या कर खुद जहर खाने वाली महिला की हालत ठीक होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, लेकिन महिला के पति ने उसे अपने घर में रखने से इंकार कर दिया है। फिलहाल महिला को पड़ोस के एक घर में रखा गया है। पूरे मामले में परिजनों ने अभी तक पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी है।
थाना लोनी बॉर्डर इलाके की संगम विहार कॉलोनी में सत्येंद्र की पत्नी आशा देवी ने अपनी बेटी रोशनी को जहरीला पदार्थ देकर मार डाला और खुद भी जहर का सेवन कर लिया। जहर का सेवन करने से आशा देवी की हालत बिगड़ गई। जिसे पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में हुए इलाज के बाद आशा की हालत में सुधार हुआ तो उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन आशा के पति सत्येंद्र ने उसे अपने घर में रखने से इंकार कर दिया। सत्येंद्र व उसके के परिजनों का कहना है कि जब आशा ने बेटी की हत्या कर दी तो उसे अपने घर में कैसे रखें। सत्येंद्र ने पुलिस को यह भी बताया जिस वक्त उसने अपनी बेटी की जहर देकर हत्या की थी उसे समय वह फैक्ट्री में काम कर रहे थे। उसकी पत्नी आशा कुछ महीने पहले उसके भाई के साथ चली गई थी। इसके बाद वह घर वापस लौटी और उसके भाई का रिश्ता कहीं और तय हो गया। तब उसने कहा कि अगर उसका भाई शादी करेगा तो वह आत्महत्या कर लेगी और बच्चों को भी जहर देकर मार डालेगी। सत्येंद्र के भाई ने शादी से इंकार नहीं किया तब उसने घर में अकेली मिली अपनी बेटी को जहर देकर खुद भी जहर खा लिया था। सत्येंद्र और उसके घर वाले अब आशा को अपने घर में रखना नहीं चाह रहे हैं।
दो दिन में नहीं पहुंची पोस्टमार्टम रिपोर्ट
पति के आशा को अपने घर में न रखने के बयान के बाद मामले में एसीपी रवि प्रकाश सिंह ने महिला का बयान लेकर जांच पड़ताल की जाएगी कि वह कहां रहना चाह रही है। एसीपी ने बताया कि महिला के पति द्वारा अभी तक कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है। वही बच्ची रोशनी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं आई है। जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसकी मौत की वजह क्या है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट होगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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