गाजियाबाद : साइबर ठगों पर सिस्टम का शिकंजा, साढ़े पांच करोड़ रुपये कराए फ्रीज

गाजियाबाद। साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस ने मोर्चा खोल दिया है। ठगी का शिकार हुए 500 से ज्यादा लोगों की 5.50 करोड़ की रकम पुलिस ने खातों में फ्रीज करवा दी है। रकम वापस दिलाने की याचिका लेकर 124 लोग कोर्ट की शरण में पहुंच चुके हैं। इनमें कोर्ट ने पुलिस से 53 मामलों में आख्या तलब की है। पुलिस का दावा है कि अभी तक साइबर सेल की कोशिशों से 111 लोगों की 2.34 करोड़ से ज्यादा रकम वापस दिलाई जा चुकी है।

एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि साइबर अपराध जिले में तेजी से बढ़ रहा है। इन मामलों में पुलिस त्वरित कार्रवाई भी कर रही है। कार्रवाई करने में सबसे बड़ी मुश्किल दूसरे राज्यों में खुले खातों में ट्रांसफर कराई गई रकम के मामले में आती है फिर भी पुलिस के स्तर पर जांच कर वादी की हर संभव मदद कराने का प्रयास किया जा रहा है। साइबर से जुड़े 450 मामलों की जांच फिलहाल चल रही है। रोजाना सामान्य ठगी के अलावा साइबर अपराध की 50-60 शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। शिकायत तीन स्तर पर हो रही हैं, साइबर सेल के अलावा ऑनलाइन और थानों में भी लोग सीधे इसकी शिकायत दे देते हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा मामले टास्क देकर ठगी के हो रहे हैं। घर बैठे कमाई के लालच में आकर लोग अपने खाते की जानकारी दूसरे को बता देते हैं या वह मोबाइल को हैक करके पूरी जानकारी प्राप्त कर ठगी कर रहा है। हाल ही में सिहानी गेट थाने में श्रुति नाम की महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर जांच कराई तो चला कि जिस खाते में श्रुति की एक लाख से ज्यादा की रकम ट्रांसफर हुई थी, उसमें 1.18 करोड़ की रकम पहले से फ्रीज है। जांच में पता चला है कि मोबाइल नंबर भी आरोपी ने फर्जी पते पर लिया हुआ था। पुलिस अभी खाता नंबर के आधार पर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

ऐसे वापस होती है रकम
वादी अपनी रकम का क्लेम करता है। दर्ज हुए मामलों में वह कोर्ट जाता है, कोर्ट इस मामले में जांच रिपोर्ट पुलिस से मांगता है। पुलिस सत्यता के आधार पर जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करती है और फिर कोर्ट के स्तर पर धनराशि को रिलीज करने का आदेश जारी किया जाता है।

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