तमिलनाडु। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को तमिलनाडु के सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ईडी अधिकारी ने सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तार ईडी अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई है। अंकित मदुरै स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत बताया जा रहा है।
तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के अधिकारी ईडी अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में तलाशी लेने के बाद मदुरै में ईडी उप-जोनल कार्यालय से रवाना हुए है। टीम ईडी के अधिकारी से यह स्पष्ट करने के लिए जांच की जा रही है कि क्या उसने इस कार्यप्रणाली को अपनाकर किसी अन्य अधिकारी को ब्लैकमेल/धमकी दी थी और प्रवर्तन निदेशालय के नाम पर करोड़ों रुपये एकत्र किए थे। गिरफ्तार ईडी अधिकारी के बयान से पता चला है कि पुराने सतर्कता मामले के जरिये सरकारी कर्मचारी को धमकाया है। बयान में यह भी कहा गया है कि आरोपी अधिकारी ने अक्तूबर में डिंडीगुल के एक सरकारी कर्मचारी से संपर्क किया और उनके खिलाफ दर्ज एक सतर्कता मामले का जिक्र किया था। इस मामले का पहले ही निपटारा हो चुका था। ईडी अधिकारी अंकित ने कहा था कि जांच करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश प्राप्त हुए हैं और सरकारी कर्मचारी को 30 अक्तूबर को मदुरै स्थित ईडी कार्यालय में पेश होने है। लेकिन इसके बाद भी अंकित सरकारी कर्मचारी पर रिश्वत का दबाव बनाता रहा।
15 दिसंबर तक हिरासत में रहेगा आरोपी
सीआरपीएफ कर्मी मदुरै में ईडी उप-जोनल कार्यालय पहुंचे जहां डीवीएसी अधिकारी ईडी अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में तलाशी ले रहे हैं। ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डिंडीगुल में एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। अब 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बेकसूर थे तो सामना करते
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किए जाने पर तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने कहा तमिलनाडु पुलिस को मिली जानकारी और शिकायत के आधार पर वे प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में जांच करने गए थे। अगर वह निर्दाेष थे तो उनका सामना कर सकते थे और उस समय भाग क्यों गए।
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