गाजियाबाद: तालाब की जमीन पर बना मदरसा तुड़वाने की मांग, एसडीएम ने शांत किया मामला

गाजियाबाद। एक मदरसे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि मदरसा तालाब की जमीन पर बनाया गया है। मदरसे पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर हिंदू वाहिनी कार्यकर्ताओं ने तहसील में नारेबाजी की। जबकि 10 दिसंबर तक कार्रवाई के आश्वासन पर कार्यकर्ता मान गए। चेतावनी दी कि 10 दिसंबर तक मदरसा ध्वस्त न होने पर उसमें हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।

भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले गांव सारा के ग्रामीण और हिंदू संगठनों के पदाधिकारी एकत्रित होकर सुबह 10 बजे तहसील में पहुंचे। पार्किंग स्थल से नारेबाजी करते हुए लोग तहसील के गेट पर पहुंचे। गांव निवासी धीरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके मकान के निकट तालाब की भूमि पर मदरसा बनाया हुआ है। जिसमें आए-दिन एक ही समुदाय के लोगों के कार्यक्रम होते है। उन्होंने बताया कि तालाब की जमीन खाली कराने के लिए वह अप्रैल 2022 से लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले दिनों मदरसा ध्वस्त करने के लिए प्रशासन की तरफ से नोटिस भी चस्पा किया गया। बावजूद इसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हुई है। लगभग 12 बजे एसडीएम हंगामाकारियों के बीच पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर लोग एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए। साढ़े 12 बजे एसडीएम दोबारा से हंगामाकारियों के बीच पहुंचे और 10 दिसंबर तक समाधान कराने का आश्वासन दिया। हिंदू वाहिनी के पदाधिकारी नीरज शर्मा का कहना है कि 10 दिसंबर तक यदि मदरसा ध्वस्त नहीं किया तो उसमें जिले भर के हिंदू संगठन के पदाधिकारी ग्रामीणों के साथ मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।

तहसीलदार करेंगे समाधान
एसडीएम संतोष कुमार राय ने बताया कि कि तहसीलदार को निर्देशित किया गया है कि गांव में जाकर मामले की सुनवाई कर समाधान किया जाए। हालांकि गांव में शांति व्यवस्था कायम है और कानून व्यवस्था से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। धरना देने वालों में नितिन शर्मा, आयुष त्यागी, पंकज कंसल, विक्रम सिंह, अश्वनी, पंकज शर्मा, सुशील प्रजापति और निशांत त्यागी आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

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