गाजियाबाद। रिटायर्ड एडीजी प्रेमप्रकाश बनकर बुजुर्ग से ठगी के मामले में रिटायर्ड एडीजी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने एडीजी रहते हुए साइबर फ्रॉड जागरुकता से संबंधित एक वीडियो अपने यूट्यूब चौनल पर सालभर पहले अपलोड की थी। जबकि अपराधियों ने उसे उपयोग कर लिया।
पूर्व एडीजी प्रेमप्रकाश ने कहा कि ये बड़ा दुखद है कि बुजुर्ग व्यक्तियों को इस तरह का शिकार बनाया जा रहा है क्योंकि उन्हें इस तरह के फ्रॉड की समझ नहीं होती है। उन्हीं को सचेत करने के लिए हमने बहुत सारे वीडियो अपने यूट्यूब चौनल पर डाले हुए हैं। साइबर अपराधी ने उन्हीं में से एक वीडियो का प्रयोग किया है। उस वीडियो को वाइस मिक्सिंग करके इस्तेमाल किया गया है।
कई एप्लीकेशन हैं मौजूद
साइबर एक्सपर्ट डॉ. अनुज अग्रवाल बताते हैं कि ये एक डीपफेक वीडियो है। दिवाली के बाद से इस तरह के कई केस सामने आए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में किसी रेपुटेड व्यक्ति के चेहरे का इस्तेमाल करके ठगी का ये संभवतः पहला मामला है। इसमें दो तरीके इस्तेमाल होते हैं। पहला ये कि जिस व्यक्ति के नाम से फ्रॉड करना हो, उसकी कोई पुरानी वीडियो में अपनी वॉइस मिक्स कर दी जाए। दूसरा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि एआई। आजकल ऐसे कई एप्लिकेशन मौजूद हैं, जिसमें हम किसी का भी फोटो लगाकर उसमें वॉइस डालकर किसी भी तरह की लिप्सिंग करा सकते हैं। इससे सामने वाले को ऐसा लगेगा कि वाकई फोटो में मौजूद जो शख्स दिख रहा है, वही बोल रहा है।
ये था पूरा मामला
कविनगर क्षेत्र निवासी 74 वर्षीय अरविंद शर्मा ने कुछ दिनों पहले ही पहला स्मार्टफोन खरीदा था। उन्होंने फेसबुक पर नया अकाउंट बनाया। कुछ दिनों में ही एक अज्ञात लड़की की रिक्वेस्ट आई, जो उन्होंने एक्सेप्ट कर ली। इसके बाद उक्त कथित लड़की ने न्यूड वीडियो कॉल की। कुछ सेकेंड तक कॉल जारी रही, फिर अरविंद शर्मा ने कट कर दी। इसके एक घंटे बाद एक व्यक्ति का पुलिस वर्दी में कॉल आया। उस व्यक्ति ने अरविंद शर्मा से कहा कि तुम उस लड़की को क्यों परेशान कर रहे हो। तुम्हारी वजह से उसने सुसाइड कर लिया है। अरविंद शर्मा ने बताया, उस पुलिस अफसर ने मुझे झूठे केस में जेल में सड़ाने की धमकी दी। इससे मैं घबरा गया और सेटलमेंट के नाम पर 74 हजार रुपए उसे दे दिए।