एक साल तक मां शव के साथ रहती रहीं दो बहनें

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में दो सगी बहनें अपनी बुजुर्ग मां के शव के साथ एक साल से घर में रह रही थी। दोनों बहनों ने मां की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं किया और शव को घर में ही अंदर रखा। घटना खुलासा तब हुआ, जब दोनों बहनों के मौसा उनकी मां की तबीयत के बारे में हाल-चाल लेने उनके घर पहुंचे। मौसा के घर के बाहर लगी घण्टी बजाने और आवाज लगाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर में एंट्री की तो हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। यहां बहनें अपनी बुजुर्ग मां के शव के पास बैठी हुई थीं। पुलिस और अपने मौसा को देखकर दोनों बहाने मां के कंकाल से लिपट कर रोने लगीं।

मामला वाराणसी जिले के लंका थाना क्षेत्र के मदुरवा चित्तूपुर का है। यहां की रहने वाली करीब 52 वर्षीय बुजुर्ग ऊषा त्रिपाठी अपनी दो बेटियों के साथ रहती थी। ऊषा के पति करीब 2 साल पहले तीनों को छोड़कर कहीं चले गए थे। इसी बीच पिछले साल ऊषा की मौत हो गई। इसके बाद उनकी दोनों बेटियों ने उनका अंतिम संस्कार नहीं किया और नहीं उनकी मौत की खबर किसी रिश्तेदार या मोहल्ले के लोगों को दी। दोनों ही बहनें मां ऊषा के साथ एक साल तक शव के साथ रहती रहीं। इतना ही नहीं दोनों बहनों का मोहल्ले के लोगों से भी व्यवहार सामान्य रहा। जिससे लोगों को शक भी नहीं हुआ। जब दोनों बहनें कई दिन से घर से नहीं निकली तो मोहल्ले के लोगों ने उनके रिश्तेदारों को सूचना दी। सूचना मिलने पर मिर्जापुर के रहने वाले दोनों बहनों के मौसी धर्मेंद्र उनके घर पहुंचे तो उन्होंने घर के बाहर लगी घंटी बजाई और आवाज भी लगे लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद धर्मेंद्र ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो दोनों बेटियां अपनी मां ऊषा के कंकाल नुमा शव साथ बैठी थी। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से ऊषा के कंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए भेजते हैं। दोनों बेटियों के इस तरह के व्यवहार से पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर दोनों बहनों ने अपनी मां का अंतिम संस्कार क्यों नहीं कराया। जबकि ऊषा की बड़ी बेटी पल्लवी पोस्ट ग्रेजुएट है जबकि छोटी बेटी दसवीं क्लास में पढ़ाई कर रही है। दोनों की मानसिक स्थिति भी ठीक है इसके बाद भी इन्होंने ऐसा क्यों किया यह सवाल सभी के दिमाग में गूंज रहा है।

ज्यादातर घर पर रहती थी दोनों बहने
बुजुर्ग महिला ऊषा की मौत के बाद पल्लवी व उसकी छोटी बहन ज्यादातर घर पर ही रहती थी। दोनों बहने करीब एक सप्ताह से घर से बाहर नहीं निकली तो मोहल्ले के लोगों को कुछ अनहोनी की आशंका लगी। तब उन्होंने रिश्तेदारों को सूचना दी। पुलिस की जांच में पता चला कि ऊषा अपनी दोनों बेटियों के साथ ही घर में अकेली रहती थी। जबकि उनके पति कुछ साल पहले ही छोड़कर चले गए थे। कुछ लोग दोनों बेटियों को मां की मौत का सदमा लगने की बात कह रहे हैं तो कुछ लोग मानसिक रूप से बीमार होने की भी बात कहकर शव के साथ रहने की बात कर रहे हैं।

कुछ दिन और दबा रहता मामला
मिर्जापुर के रहने वाले धर्मेंद्र का ऊषा से जीजा साली का रिश्ता था। मोहल्ले के लोगों ने सूचना दी कि ऊषा की दोनों बेटियां कई दिन से बाहर नहीं निकली है। वह बुधवार को अपनी साली ऊषा को देखने उनके घर पहुंचे थे, काफी आवाज लगाने और दरवाजे की घंटी बजाने के बाद भी कोई अंदर से नहीं बोला तब उन्होंने पुलिस को सूचना दी। दोनों बहनों के अगर मौसी घर पर नहीं पहुंचते तो शायद अभी और कुछ दिन तक यह घटना दबी रहती।

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