गाजियाबाद। धर्मांतरण से जुड़े मामले की तफ्तीश में लापरवाही उजागर होने पर मधुबन बापूधाम थाने के तत्कालीन एसओ और दरोगा को निलंबित किया गया है। निलंबन की कार्यवाही एसीपी की रिपोर्ट के आधार पर डीसीपी ने की है।
नवंबर 2022 में मधुबन बापूधाम थाने में एक महिला द्वारा धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज कराया था। दर्ज मुकदमें में मधुबन बापूधाम के तत्कालीन एसओ डॉ. नीरज तोमर और दरोगा कुशल कुमार विवेचना के दौरान धर्मांतरण के पहलू पर जांच ही नहीं की थी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एसीपी ने सभी पहलुओं पर जांच की। डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि नंदग्राम थाने में दर्ज धर्मांतरण के मामले में 2022 नवंबर को मधुबन बापूधाम थाने में महिला द्वारा मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा धर्मांतरण की धाराओं में न दर्ज करके धोखाधड़ी और औषधि व चमत्कारिक उपचार अधिनियम की धारा में दर्ज किया गया। विवेचक ने विवेचना के दौरान धर्मांतरण के मुद्दे पर जांच ही नहीं की। इसके बाद तत्कालीन थाना अध्यक्ष और दरोगा को निलंबित किया गया है।
जांच के नाम पर की खानापूरी
पूरे मामले की बारीकी से जांच की तो पता चला विवेचक द्वारा धर्मांतरण के पहलू पर जांच ही नहीं की गई। पूरे मामले में फर्जी विवेचना कर खानापूर्ति की गई थी। एसीपी कवि नगर की रिपोर्ट के बाद डीसीपी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष और दरोगा पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। अफसरों की इस कार्रवाई के बाद अन्य पुलिसकर्मी भी सहमे हुए हैं।
धाराओं में कर डाला खेल
एक महिला द्वारा 2022 नवंबर को धर्मांतरण का मामला दर्ज कराया गया, लेकिन पुलिस ने धोखाधड़ी और औषधि व चमत्कारिक उपचार अधिनियम की धारा में दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान पुलिस ने धोखाधड़ी की भी धारा हटा दी थी। इसके बाद पूरे मामले की जांच करने के लिए अधिकारियों से महिला ने शिकायत की उसके बाद दरोगा और तत्कालीन थाना अध्यक्ष पर कार्रवाई की गई।
Discussion about this post