उत्तराखंड। उत्तरकाशी निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग धंसने से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। रेस्क्यू के लिए छह सदस्यीय रैट माइनर्स की टीम भी पहुंची गई है। सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग जारी है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है।
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा हालात नियंत्रण में हैं। आवश्यकता के अनुसार भोजन और दवाएं अंदर जा रही हैं। मनोवैज्ञानिक पहलुओं को भी महत्व दिया गया है। बैकअप संचार स्थापित किया गया है और लगातार परिवार के सदस्य उनसे बातचीत कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री वहां पर गए थे। चिंता की कोई बात नहीं है। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, वर्टिकल ड्रिलिंग अब लगभग 30 मीटर तक कर लिया गया है। सुरक्षा पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक येलो अलर्ट है। यानी हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन इसकी वजह से काम में बाधा आने की आशंका नहीं है। मैं फिर से आश्वासन देना चाहता हूं कि सभी फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जाएगा।
धरती की हलचल भांप रहे सेंसर
एनएचएआई के सदस्य विशाल चौहान ने कहा मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। 6 सदस्यों की एक टीम होगी जो तीन-तीन के समूह में काम कर रही है। ड्रिलिंग के लिए धरती के अंदर की हलचल पर नजर रखने के लिए सेंसर लगे हैं। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार रेस्क्यू के अपडेट ले रहे हैं।
अडानी ग्रुप ने रखा अपना पक्ष
सुरंग हादसे को लेकर अदानी ग्रुप के प्रवक्ता ने एक मीडिया स्टेटमेंट जारी किया है जिसमें कहा है यह हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ तत्व हमें उत्तराखंड में एक सुरंग दुर्घटना से जोड़ने का नापाक प्रयास कर रहे हैं। हम इन प्रयासों और उनके पीछे के लोगों की कड़ी निंदा करते हैं। हम जोर देकर स्पष्ट करते हैं कि अडानी समूह या उसकी किसी सहायक कंपनी की सुरंग के निर्माण में किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है। हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी में हमारा कोई शेयर नहीं है। इस समय हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं फंसे हुए श्रमिकों और उनके परिवारों के साथ हैं।